क्या भारतीय नौसेना किसी भी खतरे का सामना करने के लिए तैयार है? राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
सारांश
Key Takeaways
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर पर यात्रा की।
- यह यात्रा भारतीय नौसेना की तत्परता को दर्शाती है।
- आईएनएस वाघशीर की यात्रा सशस्त्र बलों के साथ सर्वोच्च कमांडर की निरंतर सहभागिता का प्रतीक है।
- राष्ट्रपति ने पनडुब्बी के चालक दल के साथ बातचीत की और कई सफल परीक्षण देखे।
- यह यात्रा भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने का संदेश देती है।
नई दिल्ली, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पश्चिमी तट पर स्थित पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर पर सवार होकर समुद्री भ्रमण किया। उनके साथ नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी भी थे।
राष्ट्रपति ने रविवार को कर्नाटक के कारवार नौसेना बंदरगाह पर इस पनडुब्बी में समुद्री भ्रमण किया। इस दो घंटे के भ्रमण के दौरान उन्होंने पनडुब्बी के चालक दल से बातचीत की और ऑपरेशनल प्रदर्शन देखा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बाद पनडुब्बी में यात्रा करने वाली दूसरी राष्ट्रपति हैं।
राष्ट्रपति भवन के अनुसार, स्वदेशी कालवरी श्रेणी की पनडुब्बी पर यह उनकी पहली यात्रा है, जो सशस्त्र बलों के साथ सर्वोच्च कमांडर की निरंतर सहभागिता को दर्शाती है। इससे पहले, नवंबर 2024 में, राष्ट्रपति ने स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर भारतीय नौसेना द्वारा किए गए एक परिचालन प्रदर्शन को देखा था।
उन्होंने आगंतुक पुस्तिका में एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखकर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया, जिसमें उन्होंने कहा कि आईएनएस वाघशीर पर हमारे नाविकों और अधिकारियों के साथ नौकायन और समय बिताना मेरे लिए एक विशेष अनुभव था।
उन्होंने कहा कि आईएनएस वाघशीर द्वारा किए गए कई सफल परीक्षण और चुनौतीपूर्ण अभियान चालक दल की असाधारण तत्परता और समर्पण को दर्शाते हैं, जो इसके आदर्श वाक्य 'वीरतापूर्ण विजय' के अनुरूप है।
उन्होंने कहा कि वाघशीर के चालक दल के अनुशासन, आत्मविश्वास और उत्साह को देखकर मुझे विश्वास हो गया है कि हमारी पनडुब्बियां और भारतीय नौसेना किसी भी खतरे और हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं।