क्या राम मंदिर आंदोलन के सूत्रधार रामविलास वेदांती का निधन हो गया?

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क्या राम मंदिर आंदोलन के सूत्रधार रामविलास वेदांती का निधन हो गया?

सारांश

15 दिसंबर को राम मंदिर आंदोलन के महत्वपूर्ण नेता डॉ. रामविलास वेदांती का निधन हो गया। उनका जीवन राम मंदिर आंदोलन और सामाजिक सेवा के लिए समर्पित रहा। अयोध्या में उनके अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है। जानें उनके योगदान और अंतिम यात्रा के बारे में।

Key Takeaways

  • राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता का निधन।
  • अयोध्या में अंतिम संस्कार की तैयारी।
  • समाज सेवा और धर्म के प्रति समर्पण।
  • राजनीतिक जीवन में महत्वपूर्ण योगदान।
  • सभी वर्गों को प्रेरित करने वाला नेता।

अयोध्या, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राम मंदिर आंदोलन के मुख्य सूत्रधार और पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का निधन हो गया है। उन्होंने मध्य प्रदेश के रीवा में अंतिम सांसें ली, जहां उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन की सूचना मिलते ही अयोध्या और पूरे संत समुदाय में गहरा शोक छा गया है। साथ ही राजनीतिक क्षेत्र में भी उनके जाने से भारी उदासी का माहौल बन गया है।

दरअसल, रामविलास वेदांती हाल ही में रीवा के दौरे पर गए थे। इसी दौरान अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान सोमवार दोपहर उनका निधन हो गया।

उनका पार्थिव शरीर जल्द ही उनके उत्तराधिकारियों और साथियों द्वारा अयोध्या ले जाया जाएगा। अयोध्या पहुंचने के बाद उनका अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार किया जाएगा। ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की संभावना है।

रामविलास वेदांती का जन्म 7 अक्टूबर 1958 को मध्य प्रदेश के रीवा जिले के गुढ़वा गांव में हुआ था। वे 12वीं लोकसभा में यूपी के प्रतापगढ़ से भाजपा के सांसद चुने गए थे। इससे पहले 1996 में वे मछली शहर सीट से भी सांसद रहे। उनके राजनीतिक जीवन और धार्मिक नेतृत्व ने हमेशा समाज को मार्गदर्शन दिया।

6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा विध्वंस के मामले में जिन नेताओं पर मुकदमा चला, उनमें डॉ. वेदांती का नाम भी शामिल था, हालांकि सीबीआई की विशेष अदालत ने अंत में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।

रामविलास वेदांती ने जन्मभूमि आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सांसद रहते हुए उन्होंने संसद में भी राम मंदिर निर्माण की आवाज उठाई और सड़कों पर भी आंदोलन का नेतृत्व किया।

डॉ. वेदांती केवल एक राजनेता नहीं थे, बल्कि एक ऐसे नेता थे जिन्होंने हमेशा धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए आवाज उठाई। उनका जीवन राम मंदिर आंदोलन और समाज सेवा के लिए समर्पित रहा। उन्होंने न केवल संसद में, बल्कि समाज के हर वर्ग तक अपनी आवाज पहुंचाई। उनके नेतृत्व में कई लोग प्रेरित हुए और राम जन्मभूमि आंदोलन में डॉ. वेदांती का नाम हमेशा याद रखा जाएगा। वेदांती का निधन निश्चित रूप से एक अपूरणीय क्षति है, लेकिन उनके कार्य और योगदान सदैव लोगों के बीच रहेंगे।

Point of View

बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को भी प्रेरित किया। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा, और उनका कार्य हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा।
NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

रामविलास वेदांती का निधन कब हुआ?
डॉ. रामविलास वेदांती का निधन 15 दिसंबर को हुआ।
वे किस आंदोलन के लिए जाने जाते थे?
वे राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता थे।
उनका अंतिम संस्कार कहाँ होगा?
उनका अंतिम संस्कार अयोध्या में किया जाएगा।
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