क्या रांची के फ्लैट में महिला और दो बच्चों की मौत आत्महत्या है?

सारांश
Key Takeaways
- पारिवारिक तनाव के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
- मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना आवश्यक है।
- समाज में संवाद और समझौते की आवश्यकता है।
- आर्थिक दबाव का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है।
- सामाजिक सहयोग से समस्याओं का समाधान संभव है।
रांची, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। रांची के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र में लटमा स्थित एक फ्लैट में एक महिला और उनके दो बच्चों के शव मिलने से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में इसे एक सामूहिक आत्महत्या का मामला बताया जा रहा है।
मृतकों की पहचान 34 वर्षीय संयुक्ता सिंह और उनके 14 वर्षीय पुत्र आरव तथा 12 वर्षीय पुत्री आराध्या के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, शनिवार की रात से ही संयुक्ता सिंह के फ्लैट का दरवाजा बंद था। रविवार सुबह, पड़ोसियों ने दरवाजे पर दस्तक दी, लेकिन अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। इस पर पड़ोसियों ने अनहोनी की आशंका जताते हुए पुलिस को सूचित किया। जब पुलिस ने फ्लैट में प्रवेश किया, तो महिला और दोनों बच्चों के शव ड्राइंग रूम में पड़े मिले।
पुलिस जांच और पड़ोसियों के बयानों के अनुसार, संयुक्ता सिंह पिछले कुछ वर्षों से अपने बच्चों के साथ लटमा के फ्लैट में रह रही थीं। उनके पति बृजेश सिंह पिछले तीन साल से बिहार के औरंगाबाद जिले में अपने गांव में रह रहे थे। दंपति के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण थे और मामला तलाक तक पहुँच चुका था। यह विवाद अभी कोर्ट में विचाराधीन है।
सूत्रों के अनुसार, संयुक्ता मानसिक और आर्थिक रूप से बहुत दबाव में थी। बच्चों की स्कूल फीस तक चुकाना उनके लिए मुश्किल हो गया था। जिस फ्लैट में वे रह रही थीं, वह भी बैंक में गिरवी रखा हुआ था। पारिवारिक विवाद को लेकर कई बार स्थानीय स्तर पर भी समझौते की कोशिश की गई थी, लेकिन बात नहीं बनी।
शवों की बरामदगी के बाद एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की टीम भी मौके पर पहुंची, जिसने आवश्यक सैंपल जुटाएं हैं। शवों का पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। हटिया के डीएसपी पीके मिश्रा ने बताया कि पहली नजर में यह आत्महत्या का मामला लग रहा है, लेकिन सभी पहलुओं से जांच की जा रही है। घटना की सूचना बृजेश सिंह को दी गई है और वह रांची पहुंच चुके हैं।