क्या रांची में नाबालिग के साथ गैंगरेप के मामले में चार युवकों को मिली आजीवन कारावास की सजा?
सारांश
Key Takeaways
- नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला
- आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा
- सामाजिक सुरक्षा और न्याय का सवाल
- पुलिस की त्वरित कार्रवाई
- विशेष अदालत का फैसला
रांची, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। रांची के पॉक्सो स्पेशल कोर्ट ने नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में उसके प्रेमी समेत चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने सभी को 20 नवंबर को दोषी करार दिया था। सोमवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद अदालत ने यह निर्णय लिया। जिन दोषियों को सजा सुनाई गई है, उनमें दीपक कुमार, नितेश कुमार, बंटी तिर्की और गोपाल कोइरी शामिल हैं। एक अन्य आरोपी नाबालिग है, जिसका मामला बाल न्यायालय में चल रहा है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, पीड़िता और मुख्य आरोपी दीपक कुमार एक-दूसरे को पहले से जानते थे। 2 अक्टूबर 2023 को दीपक ने उसे मिलने के लिए धुर्वा डैम बुलाया और वहां से खूंटी रोड स्थित डियर पार्क ले गया। अभियोजन के अनुसार, उसी दौरान दीपक ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया। इसके बाद उसने अपने अन्य दोस्तों नितेश, बंटी, गोपाल एवं एक अन्य को वहां बुलाया। सभी ने मिलकर उसे रांची से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित दशम फॉल ले जाने का दबाव बनाया। वहां सभी ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
पीड़िता ने बताया कि पूरे घटनाक्रम के दौरान वह भयभीत थी और विरोध करने पर आरोपियों ने उसे धमकाया। अगले दिन 3 अक्टूबर को दीपक उसे धुर्वा डैम के पास छोड़कर फरार हो गया। घर पहुंचने के बाद पीड़िता ने परिजनों को पूरी घटना की जानकारी दी, जिसके बाद धुर्वा-हटिया थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी बालिग आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। पुलिस की ओर से जांच के दौरान घटनास्थलों की पुष्टि, पीड़िता का बयान, मेडिकल रिपोर्ट और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट अदालत में दाखिल की गई।
विशेष अदालत ने सभी उपलब्ध साक्ष्यों और गवाहियों को सही पाया और चारों आरोपियों को दोषी करार दिया। अदालत ने कहा कि नाबालिग के साथ ऐसा अपराध समाज के लिए अत्यंत चिंताजनक है और कठोर दंड ही पीड़िता को न्याय दिला सकता है।