क्या रांची में 'स्वदेशी अपनाओ' के संकल्प के साथ मैराथन में हजारों लोग तिरंगा लेकर दौड़े?

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क्या रांची में 'स्वदेशी अपनाओ' के संकल्प के साथ मैराथन में हजारों लोग तिरंगा लेकर दौड़े?

सारांश

रांची में आयोजित स्वदेशी मैराथन-2025 ने हजारों प्रतिभागियों को एक साथ लाया, जो तिरंगा लेकर दौड़े। यह आयोजन आत्मनिर्भर भारत के प्रति युवाओं की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जानिए इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में और कैसे यह स्वदेशी उत्पादों के महत्व को उजागर करता है।

Key Takeaways

  • स्वदेशी उत्पादों का प्रयोग बढ़ाने का संकल्प
  • आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
  • युवाओं की प्रतिबद्धता को उजागर करना
  • तिरंगा के साथ दौड़ना एक राष्ट्रीय भावना है
  • स्वदेशी मैराथन का आयोजन राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है

रांची, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। "स्वदेशी अपनाओ, आत्मनिर्भर भारत बनाओ" के थीम के साथ रांची में रविवार को आयोजित स्वदेशी मैराथन-2025 में हजारों प्रतिभागियों ने दौड़ लगाई। रक्षा राज्य मंत्री और रांची के सांसद संजय सेठ की पहल पर आयोजित इस मैराथन के प्रतिभागियों को झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस अवसर पर मोरहाबादी मैदान में जुटे प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि "हर घर स्वदेशी, घर घर स्वदेशी" का यह अभियान राष्ट्र चेतना, आत्मनिर्भरता और स्वदेशी भावना का प्रतीक है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे अपने दैनिक जीवन में स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "वोकल फॉर लोकल" संदेश को जीवन में उतारें।

राज्यपाल ने कहा, "स्वदेशी अपनाना केवल वस्तु का चयन नहीं, बल्कि देश के प्रति समर्पण का प्रतीक है। इससे भारत आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनेगा।" केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि यह केवल खेल नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में युवाओं के संकल्प का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि भारत के युवा यदि स्वदेशी उत्पादों का उपयोग का संकल्प लेंगे तो 2047 तक विकसित भारत का सपना अवश्य साकार होगा। लगभग 5 किलोमीटर लंबी इस स्वदेशी मैराथन में सुबह से ही युवाओं, विद्यार्थियों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों की भारी भीड़ उमड़ी। कई प्रतिभागी तिरंगा लेकर दौड़े, तो कुछ ने स्वदेशी संदेश वाले बैनर और पोस्टर थाम रखे थे।

इस अवसर पर कारगिल युद्ध के नायक कर्नल राणा विशेष रूप से दिल्ली से रांची पहुंचे। उन्होंने कहा कि "भारत के विकास और आत्मनिर्भरता की राह में हर नागरिक एक सैनिक है, जो स्वदेशी उत्पादों को अपनाकर आर्थिक सुरक्षा में योगदान दे सकता है।"

मोरहाबादी मैदान से शुरू होकर कांटाटोली चौराहा होते हुए वापस मोरहाबादी पहुंचकर संपन्न हुए इस मैराथन के विजेताओं और प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र और मेडल देकर सम्मानित किया गया।

Point of View

यह आयोजन न केवल खेल का एक उदाहरण है, बल्कि यह आत्मनिर्भरता और स्वदेशी भावना को भी बढ़ावा देता है। युवाओं के बीच स्वदेशी उत्पादों के प्रति जागरूकता बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है।
NationPress
12/10/2025

Frequently Asked Questions

स्वदेशी मैराथन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
स्वदेशी मैराथन का मुख्य उद्देश्य आत्मनिर्भरता और स्वदेशी उत्पादों के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
इस मैराथन में कितने प्रतिभागियों ने भाग लिया?
इस मैराथन में हजारों प्रतिभागियों ने भाग लिया।
राज्यपाल ने प्रतिभागियों को क्या संदेश दिया?
राज्यपाल ने युवाओं से स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का संदेश दिया।