क्या रान्या राव गोल्ड स्मगलिंग केस में ईडी का एक्शन है?
सारांश
Key Takeaways
- रान्या राव ने सोने की तस्करी में संलिप्त होने का आरोप झेला है।
- ईडी ने 34.12 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की हैं।
- जांच धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की जा रही है।
- तस्करी को हवाला के जरिए अंजाम दिया गया।
- कई लोक सेवकों की संलिप्तता की भी जांच चल रही है।
बेंगलुरु, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कन्नड़ अभिनेत्री हर्षवर्दिनी रान्या उर्फ रान्या राव और उनके सहयोगियों के खिलाफ सोने की तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। ईडी ने कुल 34.12 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कुर्क किया है, जिसमें बेंगलुरु और तुमकुर जिले की संपत्तियां शामिल हैं। इसमें बेंगलुरु के विक्टोरिया लेआउट में एक घर, अर्कावती लेआउट में एक भूखंड, तुमकुर में औद्योगिक भूमि और अनेकल तालुक में कृषि भूमि शामिल है।
यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत की गई। ईडी की जांच 7 मार्च 2025 को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एक एफआईआर पर शुरू हुई, जो राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की शिकायत पर आधारित थी।
3 मार्च 2025 को, डीआरआई ने रान्या राव को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा हवाई अड्डे पर 12.56 करोड़ रुपये के 14.2 किलो 24 कैरेट सोने के साथ पकड़ा।
जांच में यह भी पता चला कि रान्या राव ने तरुण कोंडुरु राजू और अन्य के साथ मिलकर एक सुनियोजित तस्करी रैकेट चलाया। सोना दुबई, युगांडा और अन्य स्थानों से खरीदा गया और हवाला के जरिए नकद भुगतान किया गया।
ईडी ने रान्या के मोबाइल और डिजिटल उपकरणों से मिले सबूतों, जैसे चालान, निर्यात दस्तावेज और चैट, से उनकी तस्करी में सक्रिय भूमिका साबित की है।
हालांकि रान्या ने सोने और संपत्तियों की जानकारी से इनकार किया, लेकिन दस्तावेजों ने उनके दावों का खंडन किया। जांच में अपराध की कुल आय 55.62 करोड़ रुपये आंकी गई, जिसमें से 34.12 करोड़ की संपत्तियां कुर्क की गईं। ईडी अब बाकी आय की वसूली और अन्य संलिप्त लोगों की पहचान में जुटी है।