क्या राष्ट्रपति भवन में 'आदि कर्मयोगी अभियान' के तहत जनजातीय प्रतिनिधियों ने द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की?

सारांश
Key Takeaways
- आदि कर्मयोगी अभियान जनजातीय सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण कदम है।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जनजातीय ज्ञान की सुरक्षा पर जोर दिया।
- 550 आदिवासी बहुल जिलों में समुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना।
- आदि कर्मयोगी पोर्टल से पंजीकरण, प्रशिक्षण और निगरानी में मदद।
- 1 लाख आदि सेवा केंद्र स्थापित करने की योजना।
नई दिल्ली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। देश के विभिन्न राज्यों से आए जनजातीय समुदाय के प्रतिष्ठित और विविध पृष्ठभूमियों से जुड़े लोगों के एक समूह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। ये सभी लोग जनजातीय कार्य मंत्रालय की 'आदि कर्मयोगी अभियान' योजना के अंतर्गत राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे।
यह अभियान जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य जनजातीय समाज के लोगों को सशक्त बनाना और उन्हें देश के विकास में भागीदारी के लिए तैयार करना है। इस अभियान के तहत चुने गए जनजातीय प्रतिनिधि देश के कोने-कोने से आए हैं, जो अपने क्षेत्रों में समाज सेवा, शिक्षा, संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण में योगदान दे रहे हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अवसर पर जनजातीय प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपने जनजातीय समुदायों के अमूल्य ज्ञान, उनकी सांस्कृतिक विरासत और प्रकृति प्रेम पर आधारित उनकी जीवनशैली को संरक्षित करना होगा। हमें उन्हें इस प्रकार सहयोग देना होगा कि वे उचित सम्मान और गरिमा के साथ राष्ट्र की विकास यात्रा में सक्रिय भागीदार बन सकें।
इस अवसर पर उपस्थित सभी जनजातीय प्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति से मिलकर गर्व महसूस किया और उन्हें अपने क्षेत्रों में चल रही गतिविधियों और पहलों की जानकारी दी।
बता दें कि आदि कर्मयोगी अभियान एक विकेन्द्रीकृत आदिवासी नेतृत्व और शासन पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए एक राष्ट्रीय आंदोलन है। जनजातीय कार्य मंत्रालय के नेतृत्व में, यह अभियान क्षमता निर्माण, अभिसरण और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से 550 आदिवासी बहुल जिलों के 1 लाख गांवों के 20 लाख आदिवासी परिवर्तनकर्ताओं को सशक्त बनाता है।
आदि कर्मयोगी पोर्टल इस मिशन की डिजिटल रीढ़ के रूप में कार्य करता है, जो बड़े पैमाने पर पंजीकरण, प्रशिक्षण, निगरानी और परिवर्तन को सक्षम बनाता है।
इसका उद्देश्य 20 लाख जनजातीय नेताओं को प्रशिक्षित और संगठित करना है।
इसके साथ ही 1 लाख आदि सेवा केंद्र स्थापित करना, ग्राम विजन 2030 योजना एवं विकास कार्य योजना को सुगम बनाना, अंतिम-मील अभिसरण और प्रभावी सेवा वितरण को बढ़ावा देना और जनजातीय समुदायों की आवाज को बढ़ाना है।