क्या आरपीआई 38-39 सीटों पर बीएमसी चुनाव लड़ेगी?: रामदास आठवले
सारांश
Key Takeaways
- आरपीआई ने सीट बंटवारे पर नाराजगी जताई है।
- केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने 38-39 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की।
- आरपीआई भाजपा-शिवसेना गठबंधन से अलग होने का निर्णय लिया है।
- आठवले ने ठाकरे बंधुओं पर निशाना साधा।
- वे पीएम मोदी से चर्चा करेंगे।
मुंबई, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर महायुति के साथ रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) की नाराजगी का मुद्दा उठाते हुए केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि उन्हें लगता है कि आरपीआई की अनदेखी की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आरपीआई 38-39 सीटों पर बीएमसी चुनाव लड़ेगी।
आठवले ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया, “भाजपा की शिवसेना के साथ लगातार चर्चा चल रही थी, लेकिन उस दौरान आरपीआई से कोई बातचीत नहीं की गई। आखिरी समय में हमारे नेताओं को बुलाकर बताया गया कि हमें छह सीटें दी गई हैं, जबकि ये वे सीटें नहीं हैं, जिनकी हमने मांग की थी। इन सीटों पर हम अपने उम्मीदवार भी नहीं उतार सकते।”
उन्होंने आगे कहा, “हमने अनुरोध किया था कि जो सीटें हमने पहले दी थीं, उनमें से आठ से दस सीटें हमें वापस दी जाएं, लेकिन इसे स्पष्ट रूप से ठुकरा दिया गया। इसी कारण आरपीआई ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन से अलग होने का निर्णय लिया है।”
आठवले ने स्पष्ट किया कि आरपीआई 38 से 39 सीटों पर सौहार्दपूर्ण तरीके से चुनाव लड़ेगी, जबकि बाकी सीटों पर भाजपा-शिवसेना के पक्ष में प्रचार किया जाएगा। उन्होंने कहा, “चुनाव के बाद हमारे जो उम्मीदवार जीतकर आएंगे, वे महायुति के साथ ही रहेंगे।”
नगर निगम चुनावों को लेकर उन्होंने कहा, “मैं इस मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने उठाऊंगा। राज्य सरकार बार-बार आरपीआई की अनदेखी करती है और हमसे कोई सलाह नहीं लेती, जो अस्वीकार्य है। इस विषय पर मैं पीएम मोदी और अमित शाह से बात करूंगा।”
आठवले ने ठाकरे बंधुओं पर निशाना साधते हुए कहा, “ठाकरे का राज बिल्कुल नहीं चलेगा। महायुति यहां मजबूत स्थिति में है और ठाकरे का कोई असर नहीं होगा। हम महायुति के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यह सच है कि भाजपा ने भी हमारी बातों पर ध्यान नहीं दिया।”