क्या संघ की स्थापना भारतीय समाज के मूल्यों को मजबूत करने के लिए की गई थी?

सारांश
Key Takeaways
- आरएसएस के शताब्दी समारोह की तैयारी हो रही है।
- विजय शर्मा ने समाज के मूल्यों के संरक्षण की बात की।
- नक्सलवाद के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार की कार्रवाई जारी है।
- डी राजा के बयान पर विजय शर्मा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
- मतदाता सूची में सुधार की प्रक्रिया पारदर्शी है।
रायपुर, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी समारोह के अवसर पर बताया कि 2 अक्टूबर को आरएसएस के 100 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस संगठन की स्थापना भारतीय समाज के मूल्यों को संरक्षित और मजबूत करने के उद्देश्य से की गई थी।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि शताब्दी समारोह के अवसर पर आरएसएस अपने लक्ष्यों को पूर्ण समर्पण के साथ पूरा करने का संकल्प दोहराता है। उन्होंने सभी से इस महोत्सव में शामिल होने और देश के मान बिंदुओं के संवर्धन, संरक्षण और उन्नयन के लिए एकजुट होने की अपील की।
उपमुख्यमंत्री ने नक्सलवाद के मुद्दे पर डी राजा के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि डी राजा को उन परिवारों से मिलना चाहिए जिनके परिजनों को नक्सलियों ने सामूहिक हत्या का शिकार बनाया। खासकर बस्तर के आदिवासियों के साथ जो क्रूरता हुई है, उसे देखकर उन्हें वास्तविक स्थिति का अंदाजा होगा।
यह ध्यान देने योग्य है कि छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है और इसके खिलाफ लगातार अभियान चला रही है। विजय शर्मा ने बताया कि 1700 से अधिक लोग मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। 1600 से अधिक लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, और कई लोग मारे भी गए हैं। मुख्य बात यह है कि इसकी जानकारी सभी के बीच होनी चाहिए और वैचारिक धरातल पर स्पष्ट होनी चाहिए। इसलिए पूरे अभियान चलाए जा रहे हैं।
बिहार में एसआईआर के तहत मतदाता सूची की अंतिम सूची जारी होने पर शर्मा ने कहा कि यह काम पूरी पारदर्शिता के साथ किया गया है। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे एक ओर मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाते हैं और दूसरी ओर इसे सुधारने के प्रयासों का विरोध करते हैं। शर्मा ने तंज करते हुए कहा कि अवैध मतदाताओं को सूची से हटाए जाने पर राहुल गांधी को चिंता होती है।
एसआईआर से संबंधित अन्य कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि वे मतदाता सूची का निरीक्षण कर रहे हैं और निरीक्षण के बाद ही इस पर प्रतिक्रिया देंगे। ज्ञात हो कि एसआईआर को लेकर विपक्षी दलों ने इसकी टाइमिंग पर सवाल उठाए थे।