क्या एसएडी ने 131वें संविधान संशोधन पर सख्त विरोध किया? चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार छीनने की साजिश का आरोप

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क्या एसएडी ने 131वें संविधान संशोधन पर सख्त विरोध किया? चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार छीनने की साजिश का आरोप

सारांश

चंडीगढ़ में 131वें संविधान संशोधन को लेकर शिरोमणि अकाली दल का कड़ा विरोध सामने आया है। सुखबीर सिंह बादल ने इसे पंजाब के अधिकारों पर हमला बताया है और इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर एक ठोस जवाब की योजना बना रहे हैं। क्या यह पंजाब में राजनीतिक भूचाल लाएगा?

Key Takeaways

  • एसएडी का 131वें संविधान संशोधन पर विरोध।
  • पंजाब के अधिकारों को लेकर चिंता।
  • इमरजेंसी मीटिंग की योजना।
  • केंद्र सरकार पर आरोप।
  • राजनीतिक प्रतिक्रिया की संभावना।

चंडीगढ़, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। चंडीगढ़ के विशेष प्रशासन के लिए शीतकालीन सत्र में 131वां संविधान संशोधन लाने को लेकर विवाद थम नहीं रहा है। शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) इसका कड़ा विरोध कर रहा है। पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को कहा कि इसका उद्देश्य चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को कम करना है।

सुखबीर सिंह बादल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि पार्टी ने इस विषय पर सोमवार को एक इमरजेंसी मीटिंग का आयोजन किया है। उन्होंने लिखा, "मैंने सोमवार को दोपहर 2 बजे चंडीगढ़ में पार्टी हेड ऑफिस में एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। मीटिंग में पंजाब विरोधी संविधान (131वां संशोधन) बिल के खिलाफ एक मजबूत और निर्णायक जवाब की योजना बनाने और उस पर चर्चा की जाएगी। इस बिल का मुख्य उद्देश्य चंडीगढ़ पर पंजाब के दावों को समाप्त करना है।"

बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल इस बिल का विरोध करेगा। उन्होंने कहा, "मैं पंजाब के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि इस पंजाब विरोधी बिल और संघीय संरचना पर खुलेआम हमले का अकाली दल हर मोर्चे पर मुकाबला करेगा और केंद्र की इस चाल को सफल नहीं होने देगा। मैं फिर कहता हूं: चंडीगढ़ पर पंजाब का अधिकार बिना किसी समझौते के है।"

पंजाब के पूर्व मंत्री दलजीत चीमा ने भी केंद्र सरकार पर हमला करते हुए लिखा, "शिरोमणि अकाली दल ने कभी नहीं सोचा था कि देशभर में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस पर हो रहे कार्यक्रम के दौरान केंद्र सरकार पंजाब से चंडीगढ़ छीनने की साजिश करेगी। इस ऐतिहासिक अवसर पर, हमारी आशा थी कि केंद्र पंजाब के जख्मों पर नमक छिड़कने के बजाय, कुछ पुरानी नाइंसाफी को दूर करेगा। केंद्र द्वारा संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में संविधान (131वां संशोधन) बिल लाए जाने की खबर ने पूरे पंजाब को हिला दिया है।"

उन्होंने आगे कहा, "पंजाब विरोधी इस कदम का विरोध करने के लिए, शिरोमणि अकाली दल ने 24 नवंबर को दोपहर 2 बजे चंडीगढ़ में पार्टी हेडक्वार्टर में अपनी कोर कमेटी की एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है, जिसकी अध्यक्षता पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल करेंगे। वरिष्ठ संवैधानिक विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करने के बाद, मीटिंग में इस बिना सोचे-समझे और जल्दबाजी में लिए गए गलत फैसले के खिलाफ पार्टी की अगली रणनीति तय की जाएगी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक मुद्दे अक्सर संवेदनाओं को भड़काते हैं। शिरोमणि अकाली दल का विरोध एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो पंजाब के लोगों के अधिकारों से जुड़ा है। इस तरह की राजनीति का प्रभाव केवल स्थानीय स्तर पर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी पड़ता है।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

131वें संविधान संशोधन का क्या महत्व है?
यह संशोधन चंडीगढ़ के विशेष प्रशासन को प्रभावित करता है और पंजाब के अधिकारों से संबंधित है।
शिरोमणि अकाली दल क्यों विरोध कर रहा है?
पार्टी का मानना है कि यह संशोधन पंजाब के अधिकारों को कम करने के लिए लाया गया है।
क्या यह मुद्दा पंजाब में राजनीतिक भूचाल ला सकता है?
हाँ, इस मुद्दे पर विरोध और इमरजेंसी मीटिंग से राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो सकती हैं।
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