क्या ओड़िशा के संबलपुर में फर्जी नौकरी देने वाले रैकेट का भंडाफोड़ हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- फर्जी नौकरी रैकेट की पहचान करें।
- सतर्क रहें और किसी पर विश्वास न करें।
- पुलिस को तुरंत सूचना दें।
- किसी भी अनजान कंपनी से पैसे न लें।
- अपने दस्तावेजों को सुरक्षित रखें।
संबलपुर, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। ओड़िशा के संबलपुर पुलिस ने एक प्रमुख फर्जी नौकरी घोटाले का पर्दाफाश करते हुए दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। बुर्ला पुलिस ने इस कार्रवाई के दौरान आरोपियों के पास से 62 लाख रुपए नकद भी जब्त किए हैं। ये लोग एक फर्जी कंपनी का सहारा लेकर लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर धनराशि लेते थे।
आरोपियों पर विभिन्न संस्थानों में नौकरी दिलाने के बहाने सैकड़ों लोगों से लगभग 2 करोड़ रुपए की ठगी करने का आरोप है। वे लोगों को सफाई कर्मचारी की नौकरी का लालच देकर हर उम्मीदवार से 12 हजार रुपए कमीशन लेते थे।
संबलपुर के एसपी मुकेश कुमार भामू ने बताया, "आरोपियों ने एक फर्जी 'आरमैक्स प्राइवेट लिमिटेड' नाम की कंपनी बनाई थी, जिसमें वह लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे लेते थे। उन्होंने लोगों को यह विश्वास दिलाया कि उन्हें हर महीने 12 हजार रुपए दिए जाएंगे।"
उन्होंने बताया कि आरोपियों ने शुरुआत में लोगों का विश्वास जीतने के लिए उन्हें छोटे-मोटे काम दिए और कुछ को पैसा भी दिया था। इसके बाद उन्होंने 'आरमैक्स प्राइवेट लिमिटेड' नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र भी जारी किए थे। आरोपियों की पहचान राहुल और पद्मावती के रूप में हुई है।
एसपी ने बताया कि धीरे-धीरे उन्होंने चार जिलों से लगभग 1,500 से 2,000 लोगों से पैसे लिए थे, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर कई लोगों के पैसे वापस लौटाए और 62 लाख रुपए जब्त किए। शिकायतों के आधार पर बुर्ला पुलिस ने छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार किया।
एसपी मुकेश कुमार भामू ने कहा कि मामले की जांच जारी है। प्रारंभिक पूछताछ में कई दस्तावेज मिले हैं जिनमें यह जानकारी है कि कितने लोगों से पैसे लिए गए हैं। आरोपियों ने अन्य लोगों के नाम भी बताए हैं; पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों और ठगी का शिकार हुए पीड़ितों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए एक टीम का गठन किया गया है। वह जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लेगी।
उन्होंने बताया कि कई एजेंटों के नाम भी सामने आ रहे हैं जो लोगों को कंपनी में लाते थे; उनकी जांच की जा रही है। यदि वे भी इस गिरोह में शामिल हैं, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।