क्या सनातन धर्म को मानने वाले अधिक कट्टरवादी होते हैं? : हुसैन दलवई

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क्या सनातन धर्म को मानने वाले अधिक कट्टरवादी होते हैं? : हुसैन दलवई

सारांश

क्या सनातन धर्म को मानने वाले लोग अधिक कट्टरवादी होते हैं? हुसैन दलवई ने इस पर अपने विचार साझा किए हैं। उनकी राय में, उदारवादी हिंदू धर्म के अनुयायी और कट्टरवादी सनातनी धर्म के अनुयायी के बीच महत्वपूर्ण भिन्नताएँ हैं। जानिए उनके विचार और इस पर व्यापक चर्चा।

Key Takeaways

  • सनातन धर्म और हिंदू धर्म के अनुयायियों के बीच महत्वपूर्ण भिन्नताएँ हैं।
  • कट्टरता और उदारता के संदर्भ में व्याख्या की गई है।
  • सरकार की विफलता और इंडिया गठबंधन का बढ़ता समर्थन।

मुंबई, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र कांग्रेस के जाने-माने नेता और पूर्व सांसद हुसैन दलवई ने एनसीपी-एससीपी नेता जितेंद्र आव्हाड के सनातन धर्म संबंधी बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसा सनातन धर्म नहीं है, ऐसा कहना उचित नहीं है।

उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को मानने वाले लोग कट्टरवादी होते हैं। जो लोग इस धर्म का पालन करते हैं, वे मनुस्मृति का पूरी तरह से पालन करते हैं। वहीं, हिंदू धर्मगांधीवादी सिद्धांतों के अनुसार चलते हैं और सभी को साथ लेकर चलने की बात करते हैं। हमारा संविधान भी यही कहता है और मनुस्मृति का समर्थन नहीं करता।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा फटकार लगाए जाने पर हुसैन दलवई ने कहा कि जब संसद में राहुल गांधी सवाल पूछते हैं, तब उसका जवाब कौन देता है। सरकार सही मायने में संसद की कार्यवाही नहीं चलने देती है। जब संसद नहीं चलती, तो विपक्ष के सवालों का जवाब भी नहीं मिलता। सरकार कोई जवाब नहीं देती है, इसलिए बाहर बोलना पड़ता है।

शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत द्वारा आतंकवाद पर की गई टिप्पणी पर हुसैन दलवई ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और नक्सलवाद अलग-अलग मुद्दे हैं। नक्सलवाद गरीबी, बेरोजगारी, और शिक्षा की कमी से उपजता है, जबकि आतंकवाद का स्वरूप भिन्न होता है। इसे समझने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' पर संसद में चर्चा में सरकार की विफलता उजागर हो गई है। इंडिया गठबंधन के पक्ष में माहौल बनता दिख रहा है। हम एकजुटता के साथ आगे बढ़ेंगे और केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों को उजागर करते रहेंगे।

Point of View

यह स्पष्ट है कि समाज में विभिन्न धर्मों और विचारधाराओं के अनुयायी होने के नाते हमें एक-दूसरे के दृष्टिकोण को समझना चाहिए। हुसैन दलवई की बातें इस बात को स्पष्ट करती हैं कि कट्टरता और उदारता के बीच का अंतर क्या है। हमे एकजुट होकर समाज की भलाई के लिए आगे बढ़ना चाहिए।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या सनातन धर्म कट्टरता को बढ़ावा देता है?
हुसैन दलवई के अनुसार, सनातन धर्म को मानने वाले कुछ लोग कट्टरवादी हो सकते हैं, जबकि उदारवादी हिंदू धर्म के अनुयायी हैं।
हुसैन दलवई ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को मानने वाले लोग मनुस्मृति का पालन करते हैं और वे अधिक कट्टरवादी होते हैं।