क्या संचार साथी ने इस वर्ष अक्टूबर में 50,000 से अधिक फोन पुनः प्राप्त किए?
सारांश
Key Takeaways
- 50,000 से अधिक खोए फोन की सफल पुनर्प्राप्ति।
- देशभर में 7 लाख से अधिक फोन की रिकवरी।
- कर्नाटक और तेलंगाना ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया।
- हर मिनट एक फोन की रिकवरी।
- संचार साथी ऐप से धोखाधड़ी कॉल की रिपोर्टिंग।
नई दिल्ली, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। संचार मंत्रालय की ओर से मंगलवार को प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, दूरसंचार विभाग की डिजिटल सुरक्षा पहल संचार साथी ने भारत में 50,000 से अधिक खोए और चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट को सफलतापूर्वक पुनः प्राप्त किया है।
यह उपलब्धि केंद्र की नागरिकों के डिजिटल संपत्तियों और प्रौद्योगिकी-आधारित शासन में जन विश्वास को बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इसके अलावा, देशभर में कुल रिकवरी का आंकड़ा 7 लाख के पार पहुँच गया है।
आधिकारिक बयान के अनुसार, कर्नाटक और तेलंगाना शीर्ष प्रदर्शनकर्ताओं के रूप में उभरे हैं, जहाँ दोनों राज्यों में 1-1 लाख से अधिक उपकरणों की रिकवरी की गई है। इस सूची में महाराष्ट्र 80,000 रिकवरी के साथ दूसरे स्थान पर है।
केंद्र के अनुसार, जून से अक्टूबर 2025 तक मासिक रिकवरी में 47 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जो इस प्रणाली की बढ़ती दक्षता और पहुंच को दर्शाता है। इस प्रणाली के माध्यम से देशभर में हर मिनट एक से अधिक हैंडसेट पुनः प्राप्त किए जा रहे हैं।
मासिक रिकवरी के चार्ट में दिखाया गया है कि इस वर्ष जून में 34,339 हैंडसेट को पुनः प्राप्त किया गया था, जो कि अगस्त में 45,243 और अक्टूबर में 50,534 हैंडसेट तक पहुँच गया।
इस उपलब्धि के पीछे एक मजबूत और स्वदेशी रूप से विकसित प्लेटफॉर्म है, जो ऑटोमेटेड कार्यप्रवाह और वास्तविक समय में उपकरणों की ट्रेसबिलिटी को एकीकृत करता है। संचार साथी की उन्नत तकनीक अवैध रूप से उपयोग किए गए उपकरणों को रोकती है। जब किसी रिपोर्ट किए गए हैंडसेट में सिम डाला जाता है, तो सिस्टम रजिस्टर किए गए उपयोगकर्ता और संबंधित पुलिस स्टेशन, दोनों को अलर्ट भेजता है, जिससे तेज और अधिक कुशल पुनर्प्राप्ति संभव होती है।
केंद्र ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे 'संचार साथी' ऐप डाउनलोड करें ताकि वे न केवल अपने खोए/चोरी हुए मोबाइल उपकरण की रिपोर्ट कर सकें और उन्हें ब्लॉक कर सकें, बल्कि वे नए या पुराने उपकरण खरीदने की योजना बना रहे हैं, उनकी प्रामाणिकता की भी जांच कर सकें।
नागरिक इस ऐप के जरिए धोखाधड़ी कॉल और संदेशों की भी रिपोर्ट कर सकते हैं।