क्या महाराष्ट्र सरकार ने सांगली के इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर किया?

सारांश
Key Takeaways
- सांगली का इस्लामपुर अब ईश्वरपुर कहलाएगा।
- यह निर्णय विधानसभा के मानसून सत्र में लिया गया।
- विपक्ष ने विकास की कमी पर सवाल उठाए हैं।
- लोगों को मूलभूत सुविधाएं चाहिए, केवल नाम नहीं।
- सत्तापक्ष के मुद्दों पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
मुंबई, १८ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र सरकार ने सांगली जिले के इस्लामपुर कस्बे का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। यह घोषणा शुक्रवार को विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन की गई।
सांगली में इस्लामपुर नाम परिवर्तन की मांग लंबे समय से उठ रही थी। गुरुवार को राज्य कैबिनेट ने इस नाम परिवर्तन पर अपनी मुहर लगाई। इसके बाद, शुक्रवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में आधिकारिक घोषणा की। भाजपा विधायक सदाभाऊ खोत ने इस जानकारी को साझा किया।
सदाभाऊ खोत ने मीडिया से बातचीत में कहा, "सांगली जिले में इस्लामपुर एक बड़ा कस्बा था, जिसकी जनसंख्या एक लाख से अधिक है। अब इसका नाम बदलकर ईश्वरपुर कर दिया गया है।" उन्होंने इस निर्णय के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार का आभार व्यक्त किया।
सरकार के इस निर्णय पर कांग्रेस नेता असलम शेख ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "चाहे संभाजीनगर हो, इस्लामपुर हो या राज्य के कई अन्य स्थान, ये लोग लगातार उनके नाम बदलने में लगे हैं।"
कांग्रेस विधायक ने सवाल उठाते हुए कहा, "संभाजीनगर, जिसे पहले औरंगाबाद कहा जाता था, वहाँ क्या स्थिति है? क्या वहाँ पानी, सड़कें और अन्य सुविधाएं अच्छे तरीके से हैं?"
असलम शेख ने कहा, "जब आप अच्छा नाम दे रहे हैं तो उस स्तर की सिटी भी बनाएं। उस शहर और गांव को आप तरक्की की दिशा में लेकर जाएं।" उन्होंने कहा कि केवल नाम बदलने से कुछ नहीं होता। लोगों को मूलभूत व्यवस्थाओं की जरूरत है, जैसे स्वच्छ पानी, अच्छी सड़कें, और अच्छे स्कूल-कॉलेज।
इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने पर समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "जिस शहर का नाम आप बदल रहे हैं, उसका विकास करें। नाम बदलने से स्थिति नहीं बदलती।" उन्होंने सत्तापक्ष पर हमला करते हुए कहा, "ये लोग ऐसे मुद्दे उठाते रहते हैं, हम चाहते हैं कि आप विकास करें।"