क्या भाजपा नेता संजय केनेकर ने सीएम फडणवीस को पत्र लिखकर खुलदाबाद का नाम रत्नपुर करने की मांग की?

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क्या भाजपा नेता संजय केनेकर ने सीएम फडणवीस को पत्र लिखकर खुलदाबाद का नाम रत्नपुर करने की मांग की?

सारांश

संजय केनेकर ने सीएम फडणवीस को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने खुलदाबाद का नाम रत्नपुर करने की मांग की है। इस नाम परिवर्तन के पीछे ऐतिहासिक कारण हैं, जो राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। क्या यह मांग साकार हो पाएगी? जानें इस विवाद के पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • खुलदाबाद का नाम रत्नपुर करने की मांग भाजपा द्वारा की गई है।
  • संजय केनेकर ने छत्रपति संभाजी महाराज के सम्मान में स्मारक बनाने की अपील की।
  • यह मांग कांग्रेस के इतिहास को चुनौती देने का प्रयास है।

मुंबई, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के भाजपा विधायक एवं विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) संजय केनेकर ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र भेजकर छत्रपति संभाजीनगर जिले के खुलदाबाद का नाम बदलकर रत्नपुर करने की मांग की है।

खुलदाबाद में मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र है, जिसके कारण यह स्थान लंबे समय से विवाद में रहा है। केनेकर ने पत्र में छत्रपति संभाजी महाराज के सम्मान में रत्नपुर में एक भव्य स्मारक बनाने की भी अपील की है। उन्होंने कहा कि खुलदाबाद का ऐतिहासिक नाम रत्नपुर था, जो औरंगजेब के शासन में बदला गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने आक्रमणकारियों के इतिहास को बढ़ावा देकर छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज जैसे महान योद्धाओं की गौरवशाली कहानियों को दबाने का प्रयास किया है।

केनेकर ने कहा, "जब हम खुलदाबाद जाते हैं और वहां औरंगजेब का नाम देखते हैं, तो हमारा खून खौल उठता है। इसलिए हम इस स्थान का नाम बदलकर रत्नपुर करने और छत्रपति संभाजी महाराज के बलिदान को सम्मान देने के लिए एक स्मारक बनाने की मांग कर रहे हैं।"

उन्होंने यह भी कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के पिता शाहजी राजे भोसले, संभाजी महाराज और उनके साथी संताजी घोरपड़े, दादाजी जाधव और ताराबाई रानी जैसे वीरों ने औरंगजेब के खिलाफ हिंदवी स्वराज की लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने इनके इतिहास को छिपाने का काम किया है। अब भाजपा इस इतिहास को उजागर करने और औरंगजेब के विचारों को दफन करने के लिए प्रतिबद्ध है।

यह मांग उस समय उठी है जब हाल ही में खुलदाबाद में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद बढ़ा है। इससे पहले, शिवसेना नेता और सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाठ ने भी खुलदाबाद का नाम रत्नपुर करने का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने कहा था कि यह स्थान मूल रूप से रत्नपुर के नाम से जाना जाता था और औरंगजेब के आगमन के बाद इसका नाम बदला गया।

Point of View

बल्कि यह इतिहास और पहचान से जुड़ा हुआ है। भाजपा का यह प्रयास उन ऐतिहासिक तथ्यों को पुनः उजागर करने का है, जिन्हें कांग्रेस ने दबाया। यह एक संवेदनशील मुद्दा है, जो समाज में बड़ी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कर सकता है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

खुलदाबाद का नाम रत्नपुर क्यों बदलने की मांग की जा रही है?
संजय केनेकर का दावा है कि खुलदाबाद का ऐतिहासिक नाम रत्नपुर था, जिसे औरंगजेब के शासन में बदला गया।
क्या इस मांग का राजनीतिक महत्व है?
यह मांग भाजपा द्वारा कांग्रेस के इतिहास को चुनौती देने और छत्रपति संभाजी महाराज के योगदान को सम्मानित करने का प्रयास है।
क्या इस मुद्दे पर कोई विवाद है?
हां, हाल ही में खुलदाबाद में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद बढ़ा है।