क्या संजय निरुपम ने जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग नोटिस की आलोचना की?
सारांश
Key Takeaways
- संजय निरुपम ने महाभियोग नोटिस की आलोचना की।
- विपक्ष पर हिंदुत्व और मंदिर विरोधी होने का आरोप।
- महाभियोग नोटिस का राजनीतिक प्रभाव हो सकता है।
मुंबई, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम ने मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच के जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ विपक्ष द्वारा उठाए गए महाभियोग नोटिस की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि विपक्ष हिंदुत्व और मंदिर विरोधी है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में संजय निरुपम ने कहा, "जब कोई न्यायाधीश हमारे देश में मंदिरों का समर्थन करता है, तो उसे अपराधी बना दिया जाता है। इस तरह के महाभियोग लाने की योजना विपक्ष के नेता बना रहे हैं, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।"
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष के राजनीतिक दल हिंदुत्व और मंदिर विरोधी हैं, जबकि मस्जिदों के समर्थक हैं। लेकिन लोग इनकी सच्चाई को पहचानने लगे हैं। यही कारण है कि ये (विपक्ष) धीरे-धीरे सिमटते जा रहे हैं। अगर यही स्थिति मद्रास हाईकोर्ट के जज के खिलाफ विपक्ष के नेताओं ने अपनाई, तो तमिलनाडु में जहां 'इंडिया' गठबंधन की सरकार है, वह भी चली जाएगी।
संजय निरुपम ने यह भी सवाल उठाया कि जब सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों में 'वंदे मातरम' गाया जाता है, तो मदरसों में क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि 'वंदे मातरम' हमारा राष्ट्रगीत है और इस पर कुछ मजहब के लोग विरोध करते रहते हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
शिवसेना नेता ने कहा, "मुझे सबसे ज्यादा खुशी है कि 'वंदे मातरम' के 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा हुई। जब राष्ट्रीय स्तर पर किसी विषय पर चर्चा होती है, तो उसकी जानकारी पूरे देश में फैलती है। हमारी नई पीढ़ी, जिसे हम 'जेन जी' कहते हैं, को पता भी नहीं कि 'वंदे मातरम' क्या है? यह सरकार के प्रयासों के कारण है कि आज की नई पीढ़ी को 'वंदे मातरम' के बारे में जानकारी मिली। यह दूसरी बात है कि कांग्रेस वालों को इसमें राजनीति दिख रही है।"
उन्होंने कहा, "कांग्रेस कहती है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव है, इसलिए सरकार 'वंदे मातरम' पर चर्चा करवा रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि 'वंदे मातरम' गीत को इसी साल 150 साल पूरे हुए हैं। इसलिए इसे सेलिब्रेट किया जा रहा है। अगर कांग्रेस इसमें राजनीति देख रही है, तो ध्यान रखें कि 'वंदे मातरम' गीत चुनावों से बहुत ऊपर है। यह भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई का मूलमंत्र था।"