क्या सांसद बेनीवाल के घर का बिजली कनेक्शन काटना उचित था?

सारांश
Key Takeaways
- सभी नागरिकों के लिए बिजली बिल के नियम समान हैं।
- स्मार्ट मीटर से बिजली की खपत की निगरानी संभव है।
- बिजली कनेक्शन काटने की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा।
- सांसदों को भी नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
- बिजली बिल का समय पर भुगतान करना आवश्यक है।
जयपुर, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। नागौर से सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल के घर का बिजली कनेक्शन काटे जाने के मामले में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। बिजली विभाग की कार्रवाई को बेनीवाल ने बदले की भावना से प्रेरित बताया और दावा किया कि बिल का निपटारा चल रहा था। क्या ऐसी कार्रवाई उचित है? इस पर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि बकाया बिल पर कनेक्शन काटना सामान्य प्रक्रिया है और इसमें किसी भी नागरिक या जनप्रतिनिधि के लिए भेदभाव नहीं होगा।
शनिवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से समय पर बिल जमा करने की अपील की, ताकि आम जनता में सकारात्मक संदेश जाए। नागर ने स्मार्ट मीटर का समर्थन करते हुए कहा कि यह इसलिए लगाए गए हैं ताकि विधायकों और मंत्रियों को यह जानकारी मिल सके कि उनकी जगहों पर कितनी बिजली की खपत हो रही है। स्मार्ट मीटर की मदद से बिल की पारदर्शिता बढ़ेगी और उपभोक्ता अपनी खपत की बेहतर निगरानी कर सकेंगे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि चाहे वो वीआईपी हो या आम नागरिक, यदि बिल जमा नहीं किया गया तो नोटिस भेजा जाएगा और कार्रवाई की जाएगी। उनके अनुसार, यदि किसी आम नागरिक का बिजली बिल बकाया रहता है, तो नियम वीवीआईपी पर भी लागू होगा।
दूसरी ओर, सांसद बेनीवाल ने आरोप लगाया कि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर के सरकारी बंगले का विद्युत बिल 2,17,428 रुपए बकाया है। उन्होंने सवाल उठाया कि उनके नागौर स्थित कार्यालय का बिजली कनेक्शन निपटारे की प्रक्रिया में होते हुए भी क्यों काटा गया। क्या ऊर्जा मंत्री का कनेक्शन भी अब काटा जाएगा? बेनीवाल ने यह भी कहा कि जिनके खुद के घर शीशे के होते हैं, वे दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकते।