क्या संसद में हंगामा हुआ? कीर्ति आजाद ने भाजपा सांसदों पर आरोप लगाया?

सारांश
Key Takeaways
- संसद में हंगामा होने से लोकतंत्र की गरिमा पर प्रभाव पड़ता है।
- महिला सांसदों के साथ बदसलूकी की घटनाएं चिंताजनक हैं।
- राजनीतिक प्रतिस्पर्धा अब हदें पार कर रही है।
- भाजपा और टीएमसी के बीच संघर्ष गंभीर हो रहा है।
- इस तरह की घटनाएं समाज में नकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करती हैं।
नई दिल्ली, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। संसद के मानसून सत्र के दौरान बुधवार को लोकसभा में हंगामा हुआ। इस हंगामे के चलते तृणमूल कांग्रेस के सांसद कीर्ति आजाद ने भाजपा सांसदों पर गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि शांतिपूर्ण विरोध कर रहे टीएमसी सांसदों के साथ भाजपा सांसदों ने बदसलूकी की, महिला सांसदों को धक्का दिया गया, और यह सब कुछ सदन के वेल के अंदर हुआ।
कीर्ति आजाद ने कहा, "हम वेल के अंदर शांति से नारेबाजी कर रहे थे। तभी भाजपा के लोग अचानक सीट से उठकर हमारे पास आ गए। उनके साथ किरेन रिजिजू और रवनीत बिट्टू भी थे। हमारे सांसद अबू ताहिर खान खड़े थे, उनको धक्का देकर साइड किया गया और फिर महिला सांसदों को जोर से धक्का दिया गया। शर्म आनी चाहिए ऐसे व्यवहार पर।"
उन्होंने बताया कि जब ये सब हो रहा था, तब हमारे सांसद युसूफ पठान बीच में आए और स्थिति को संभालने की कोशिश की। सामने निशिकांत दुबे भी मुझे दिखे, लेकिन वह रोकने आए थे या मारने, इसका अंदाजा मुझे नहीं हो पाया। लेकिन, जिस तरह का व्यवहार भाजपा सांसदों ने किया, खासकर महिलाओं के साथ, वह बेहद अभद्र है।
कीर्ति आजाद ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, "भाजपा से ऐसे व्यवहार की उम्मीद हर बार रहती है। यह वही पार्टी है, जो सत्ता में होते हुए भी खुद को सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी साबित करती है। देश की भलाई के लिए इन्होंने कभी कुछ नहीं किया, हमेशा तानाशाही की मिसाल कायम की है।"
उन्होंने कहा, “भाजपा अब डूबती नाव है और तिनके का सहारा ढूंढ़ रही है, लेकिन सहारा भी नहीं मिल रहा।”
टीएमसी सांसद मिताली बाग ने कहा, "आज के दिन भाजपा सरकार के लिए धिक्कार है। ऐसा लगता है कि टीएमसी सांसद अब इनके लिए निशाना बन चुके हैं।"
उन्होंने कहा, "केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और सांसद रवनीत बिट्टू ने जोर से धक्का दिया, जिससे उनके हाथ में चोट आ गई।"