क्या संयुक्त कमांडर्स सम्मेलन में आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के ‘संयुक्त सैन्य स्टेशन व एकीकृत शिक्षा कोर’ बनेगा?

सारांश
Key Takeaways
- तीनों सेनाओं के लिए संयुक्त सैन्य स्टेशन की स्थापना
- एकीकृत शिक्षा कोर का गठन
- संरचनात्मक एकीकरण और परिचालनिक दक्षता
- संयुक्तता और तालमेल में वृद्धि
- राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकताओं का ध्यान
संयुक्त कमांडर्स सम्मेलन: आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के लिए ‘संयुक्त सैन्य स्टेशन और एकीकृत शिक्षा कोर’ नई दिल्ली, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस) भारत की तीनों सेनाओं - थलसेना, नौसेना और वायुसेना - के लिए संयुक्त सैन्य स्टेशन स्थापित करने का फैसला किया गया है। अब तक, अलग-अलग सेनाओं के अलग-अलग सैन्य स्टेशन होते थे, लेकिन अब ये सैन्य स्टेशन तीनों सेनाओं द्वारा संयुक्त रूप से संचालित होंगे। यह निर्णय बुधवार को तीनों सेनाओं के संयुक्त कमांडर्स सम्मेलन में लिया गया। इसके साथ ही त्रि-सेवा शिक्षा कोर का गठन भी होगा। ये महत्वपूर्ण कदम सेनाओं की संयुक्तता को बढ़ाने के लिए उठाए गए हैं। कोलकाता में आयोजित संयुक्त कमांडर्स सम्मेलन 2025 के अंतिम दिन, कई ऐतिहासिक और दूरगामी निर्णय लिए गए। इसमें त्रि-सेवा शिक्षा कोर के गठन का निर्णय भी शामिल है। भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एपी सिंह, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी और सीडीएस जनरल अनिल चौहान उपस्थित रहे। सम्मेलन में तीनों सेनाओं की शिक्षा शाखाओं को मिलाकर एक एकीकृत त्रि-सेवा शिक्षा कोर बनाने की घोषणा की गई। इस निर्णय से तीनों सेनाओं के प्रशिक्षण एवं शिक्षा संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित होगा। इसके साथ ही भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप एकीकृत शैक्षणिक ढाँचा विकसित किया जा सकेगा। सम्मेलन में तीन संयुक्त सैन्य स्टेशन स्थापित करने का निर्णय भी लिया गया। इन स्टेशनों का उद्देश्य संसाधनों के साझा उपयोग, संरचनात्मक एकीकरण और परिचालनिक दक्षता को मजबूत करना है। इससे सेनाओं के बीच समन्वय और तालमेल बढ़ेगा और रक्षा तैयारियों को गति मिलेगी। यहां, सीडीएस ने प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों की विस्तार से समीक्षा की और उनकी समयबद्ध क्रियान्वयन योजना पर चर्चा की। यह सुनिश्चित करेगा कि शीर्ष नेतृत्व की दृष्टि और प्राथमिकताओं को जल्द से जल्द अमल में लाया जा सके। संयुक्त कमांडर कांफ्रेंस 2025 को रक्षा क्षेत्र में परिवर्तनकारी सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया गया है। इस सम्मेलन ने सशस्त्र बलों की कार्यक्षमता और संयुक्तता को और सशक्त करने वाले प्रमुख सुधारों की पहचान की है। यह सम्मेलन स्पष्ट करता है कि भारत की सेनाएं आत्मनिर्भरता, संयुक्तता और आधुनिकता की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रही हैं। तीनों सेनाओं का यह संयुक्त कमांडर्स सम्मेलन बुधवार को सम्पन्न हुआ। यह सशस्त्र बलों का सर्वोच्च मंच है, जिसमें रक्षा मंत्रालय और तीनों सेनाओं के शीर्ष निर्णयकर्ता एक साथ बैठकर रणनीतिक और वैचारिक विमर्श करते हैं। इस सम्मेलन में सशस्त्र बलों के भविष्य का रोडमैप तैयार करने और तीनों सेनाओं के बीच संयुक्तता को बढ़ाने पर जोर दिया गया। इसके अलावा, क्षमताओं के विकास को दिशा देने और राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकताओं के अनुरूप योजनाओं को संरेखित करने पर भी विचार-विमर्श किया गया। सैन्य कमांडर्स का यह सम्मेलन सशस्त्र बलों को और अधिक एकीकृत, तकनीकी रूप से उन्नत और परिचालन रूप से चुस्त-दुरुस्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुआ है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह सम्मेलन सेनाओं को बहु-क्षेत्रीय खतरों का सामना करने, राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने और राष्ट्र निर्माण एवं वैश्विक शांति व स्थिरता में योगदान करने के लिए तैयार करेगा। कमांडर कॉन्फ़्रेन्स में तीनों सेनाओं के प्रमुख और सीडीएस उपस्थित रहे। -राष्ट्र प्रेस जीसीबी