क्या सपा के निष्कासित विधायकों ने देशहित में भाजपा का साथ दिया?

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क्या सपा के निष्कासित विधायकों ने देशहित में भाजपा का साथ दिया?

सारांश

फर्रुखाबाद में समाजवादी पार्टी के तीन विधायकों के निष्कासन पर भाजपा सांसद मुकेश राजपूत की प्रतिक्रिया ने सियासी हलचल मचा दी है। उन्होंने विधायकों की सराहना कर सपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। क्या यह बदलाव सपा के लिए चुनौती बनेगा?

Key Takeaways

  • भाजपा सांसद मुकेश राजपूत ने विधायकों की सराहना की।
  • सपा पर गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए।
  • राजपूत ने परिवारवाद का मुद्दा उठाया।
  • सपा शासन काल में दलितों का उत्पीड़न हुआ।
  • विधायकों का भाजपा में शामिल होना एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना है।

फर्रुखाबाद, २४ जून (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के तीन विधायकों के निष्कासन पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद मुकेश राजपूत ने एक महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इन विधायकों की प्रशंसा करते हुए सपा पर गंभीर आरोप लगाए और अखिलेश यादव के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए।

मुकेश राजपूत ने कहा, “मैं इन तीनों विधायकों को सलाम करता हूं और उनका धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार और अपराधियों व भूमाफियाओं की पार्टी से ऊपर उठकर भगवान राम और राज्य के हित में वोट दिया। ऐसे विधायकों को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होना चाहिए, क्योंकि सपा की विचारधारा और नीतियां जनविरोधी हैं।”

राजपूत ने सपा पर पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के नाम पर लोगों को ठगने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “सपा पीडीए के नाम पर वोट तो लेना चाहती है, लेकिन उसका असली चेहरा परिवारवाद है। अखिलेश यादव खुद सांसद हैं, उनकी पत्नी सांसद हैं, उनके तीन भाई, चाचा और ताऊ भी सांसद रहे हैं। उन्हें पीडीए के नाम पर सिर्फ अपना परिवार दिखता है।”

राजपूत ने सपा शासनकाल की आलोचना करते हुए दावा किया कि जब सपा की सरकार थी, तब पिछड़े और दलित समाज का सबसे ज्यादा उत्पीड़न हुआ। दलितों और बहुजन समाज के लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए। सपा नेताओं ने दलितों को इतना प्रताड़ित किया कि वे अपने गांव छोड़कर महानगरों की ओर पलायन करने को मजबूर हो गए। सपा को दलित और पिछड़े समाज की बात करने का कोई हक नहीं है, क्योंकि उनकी नजर में सिर्फ उनका परिवार और नजदीकी लोग ही महत्वपूर्ण हैं।

भाजपा सांसद मुकेश राजपूत ने यह भी कहा कि सपा की सरकार में दलितों और पिछड़ों के खिलाफ अन्याय चरम पर था। सपा नेताओं ने उन लोगों को निशाना बनाया, जिन्होंने उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए थे। आज सपा सत्ता में नहीं है, इसलिए अखिलेश को दलित और पिछड़ा समाज दिखाई दे रहा है। यह सिर्फ उनकी परिवार की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने की रणनीति है।

Point of View

बल्कि राजनीतिक परिदृश्य में भी एक नई दिशा प्रदान कर सकता है।
NationPress
25/06/2025

Frequently Asked Questions

मुकेश राजपूत ने सपा पर क्या आरोप लगाए?
उन्होंने सपा पर पीडीए के नाम पर वोट लेने और परिवारवाद का आरोप लगाया।
सपा के विधायकों का निष्कासन क्यों हुआ?
सपा के तीन विधायकों को पार्टी से निष्कासित किया गया क्योंकि उन्होंने भाजपा का समर्थन किया।