क्या सपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में तीन विधायकों को निकाला?

सारांश
Key Takeaways
- सपा ने तीन विधायकों को निष्कासित किया।
- विधायकों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप।
- भविष्य में 'जन-विरोधी' लोगों के लिए पार्टी में कोई स्थान नहीं होगा।
- निष्कासन के बावजूद विधायकों का विधानसभा रिकॉर्ड में होना।
- पार्टी ने अनुशासन बनाए रखने का प्रयास किया।
लखनऊ, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में अपने तीन विधायकों को निष्कासित कर दिया है। इन विधायकों में गोशाईगंज से विधायक अभय सिंह, गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह और ऊंचाहार से विधायक मनोज कुमार पांडेय का नाम शामिल है। पार्टी ने अपने विधायकों के खिलाफ इस कार्रवाई की सूचना अपने सोशल मीडिया 'एक्स' हैंडल पर साझा की है।
सपा ने अपने एक्स हैंडल पर कहा, “समाजवादी सौहार्दपूर्ण सकारात्मक विचारधारा की राजनीति के विपरीत सांप्रदायिक विभाजनकारी नकारात्मकता और किसान, महिला, युवा, कारोबारी, नौकरीपेशा और ‘पीडीए विरोधी’ विचारधारा का समर्थन करने के कारण, समाजवादी पार्टी जनहित में इन विधायकों को पार्टी से निष्कासित करती है।”
पार्टी ने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर निष्कासित विधायकों की जानकारी भी साझा की है, जिसमें विधायक गोशाईगंज अभय सिंह, विधायक गौरीगंज राकेश प्रताप सिंह और विधायक ऊंचाहार मनोज कुमार पांडेय का नाम शामिल है।
पार्टी ने अपने पोस्ट में कहा, “इन लोगों को हृदय परिवर्तन के लिए दी गई ‘अनुग्रह-अवधि’ की समय-सीमा अब समाप्त हो चुकी है, बाकी की समय-सीमा अच्छे व्यवहार के कारण बची है। भविष्य में ‘जन-विरोधी’ लोगों के लिए पार्टी में कोई स्थान नहीं होगा और पार्टी के मूल विचार की विरोधी गतिविधियां हमेशा के लिए अक्षम्य मानी जाएंगी।”
पार्टी ने अपने पोस्ट के अंत में कहा, “जहां रहें, विश्वसनीय रहें।”
इन विधायकों पर आरोप है कि इन्होंने राज्यसभा चुनाव में सपा पार्टी के खिलाफ कार्य किया था। उस समय पार्टी के विधायक होने के बावजूद इन्होंने भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की। हालांकि सपा के पास तीन उम्मीदवारों को राज्यसभा भेजने के लिए पर्याप्त संख्या बल था, लेकिन कम से कम सात विधायकों की क्रॉस वोटिंग के कारण भाजपा ने सपा को नुकसान पहुँचाया। इन विधायकों पर आरोप है कि ये राज्यसभा चुनाव के बाद से ही भाजपा के साथ घुलते-मिलते रहे, उसके कार्यक्रमों में हिस्सा लेते और सपा की राजनीतिक लाइन से खुद को दूर रखते रहे हैं।
अपने निष्कासन के बावजूद तीनों विधायक तकनीकी रूप से विधानसभा रिकॉर्ड में समाजवादी पार्टी के विधायक बने हुए हैं, जब तक कि आगे कोई विधायी कार्रवाई नहीं की जाती।