क्या पीएम मोदी से सिवान के इस परिवार ने बेटे की सकुशल वतन वापसी की गुहार लगाई?

सारांश
Key Takeaways
- हजरत अली अंसारी ने अपने बेटे की सुरक्षित वतन वापसी की अपील की है।
- १७ जून को बेटे से आखिरी बार बातचीत हुई थी।
- ईरान-इजराइल के हालात चिंताजनक हैं।
- सिवान के डीएम ने परिवार की मदद की है।
- केंद्र सरकार लगातार स्थिति पर नज़र रख रही है।
सिवान, २३ जून (राष्ट्र प्रेस)। ईरान-इजराइल के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। ऑपरेशन सिंधु के तहत कई भारतीयों को ईरान से स्वदेश लाया गया है, लेकिन अब भी कुछ परिवार ऐसे हैं जो खौफ में जी रहे हैं। ऐसा ही एक परिवार बिहार के सिवान का है। परिवार के मुखिया हजरत अली अंसारी ने पीएम मोदी से निवेदन किया है कि उनके बेटे को ईरान से सुरक्षित वतन लाया जाए। पिता से बेटे की आखिरी बार बातचीत १७ जून को हुई थी।
हजरत अली अंसारी को अपने २५ वर्षीय बेटे सेराज अंसारी की चिंता हो रही है। परिवार के अन्य सदस्य भी काफी चिंतित हैं। एक सप्ताह से अधिक समय हो गया है, लेकिन बेटे के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस कारण परिवार के सदस्य बहुत परेशान हैं। पिता हर बात में १७ जून का जिक्र करते हैं।
परिवार के सदस्यों ने जिले के डीएम से बेटे को ईरान से सुरक्षित भारत लाने की गुहार लगाई है। सेराज के पिता हजरत अली अंसारी ने विदेश मंत्रालय और पीएम मोदी से भी अपील की है कि वे उनके बेटे को ईरान से वतन लौटाने में मदद करें।
हजरत अली ने सोमवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "आखिरी बार बेटे से १७ जून को बातचीत हुई थी। उसके बाद से कोई संपर्क नहीं हुआ है। हमें बेटे की बहुत चिंता हो रही है। सेराज ईरान में किसी निजी कंपनी में इंजीनियर के रूप में काम कर रहा था। वह मार्च २०२५ में सऊदी अरब गया और वहां से ९ जून को ईरान पहुंचा था।"
उन्होंने बताया, "बेटे से आखिरी बार १७ जून को बात हुई, जिसमें सेराज ने कहा कि वह हमले वाली जगह के निकट है, बमबारी हो रही है लेकिन वह सुरक्षित है। इसके बाद उसका फोन बंद है। सिवान के डीएम से मिले हैं और हमने बेटे की सुरक्षित वतन वापसी की मांग का पत्र सौंपा है। हम भारतीय दूतावास और सरकार से भी मदद की अपेक्षा कर रहे हैं।
आपको बताना चाहेंगे कि ईरान-इजरायल संघर्ष के बीच ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से १७१३ भारतीय सुरक्षित भारत लौट चुके हैं। केंद्र सरकार लगातार हालात पर नज़र रख रही है।