क्या खेल और कला सीमाओं से परे हैं? सपा सांसद रुचि वीरा का बयान

सारांश
Key Takeaways
- खेल और कला राजनीति से अलग होने चाहिए।
- सुरक्षा व्यवस्था की कमी पर सवाल उठाना जरूरी है।
- महिला सांसदों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों की निंदा होनी चाहिए।
- जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बंद होना चाहिए।
- खेल की अपनी अहमियत है, जो सीमाओं से परे है।
मुरादाबाद, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी की सांसद रुचि वीरा ने भारत-पाकिस्तान लीजेंड्स क्रिकेट मैच के बारे में अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि खेल और साहित्य जैसे क्षेत्र कभी भी सीमाओं में नहीं बंधते। खेल की अपनी अहमियत है, जबकि दोस्ती, दुश्मनी और राजनीतिक तनाव भी अपनी जगह हैं।
वीरा ने कहा, "खेल और कला में कोई सीमा नहीं होती। यह एक ऐसा मंच है, जहां खिलाड़ी और कलाकार अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करते हैं। खिलाड़ियों को राजनीतिक विवादों में नहीं पड़ना चाहिए। खेल और कला को राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए, ताकि खिलाड़ी बिना किसी बाधा के अपनी प्रतिभा दिखा सकें।"
हालांकि, उन्होंने पहलगाम में हाल ही में हुई घटना का उल्लेख करते हुए सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए। वीरा ने कहा, "पहलगाम की घटना समझ से परे है। वहां कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। लेकिन जहां तक खेल और कला का सवाल है, यह पूरी तरह अलग चीज है।"
भारत-पाकिस्तान लीजेंड्स मैच को लेकर उन्होंने न तो समर्थन जताया और न ही विरोध किया। उन्होंने कहा, "इस मैच की अनुमति किसने दी, यह संबंधित लोग देखें। मैं न तो इसके पक्ष में हूं और न ही विपक्ष में।"
रुचि वीरा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा परेशान किए जाने का आरोप लगाया था। रुचि ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "यह सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। चाहे ईडी हो या सीबीआई, इनका गलत इस्तेमाल हो रहा है। जो भाजपा में शामिल हो जाता है, वह ‘वॉशिंग मशीन’ में धुलकर साफ हो जाता है, लेकिन जो सच्चाई की बात करता है, उसे देशद्रोही करार दे दिया जाता है। ऐसी जांचों का दुरुपयोग बंद होना चाहिए।"
वहीं, करणी सेना के एक नेता द्वारा सपा सांसद इकरा हसन पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर रुचि वीरा ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने इसकी निंदा करते हुए कहा कि एक तरफ नारी सम्मान की बात की जाती है तो दूसरी तरफ एक महिला सांसद पर इस तरह की टिप्पणी की जाती है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने इस मुद्दे को संसद में उठाने की बात कही और एक महिला सांसद के तौर पर इस मामले में कड़ा कदम उठाने का भरोसा दिलाया।