क्या गुजरात में सापुतारा में मानसून फेस्टिवल 2025 का भव्य आगाज हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- सापुतारा मानसून फेस्टिवल 2025 का भव्य उद्घाटन हुआ।
- यह उत्सव 23 दिनों तक चलेगा।
- 350 से अधिक कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।
- आदिवासी संस्कृति का अद्वितीय संगम देखने को मिलेगा।
- फेस्टिवल में स्थानीय हस्तशिल्प और भोजन की प्रदर्शनी भी होगी।
सापुतारा, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के डांग जिले में अवस्थित हिल स्टेशन सापुतारा में शनिवार को मानसून फेस्टिवल 2025 का शानदार उद्घाटन हुआ। इस उत्सव का उद्घाटन गुजरात सरकार में मंत्री मुलुभाई हरदासभाई बेरा ने बारिश के बीच किया। यह 23 दिनों का उत्सव 26 जुलाई से 17 अगस्त तक चलेगा। इस कार्यक्रम में आदिवासी संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य और स्थानीय परंपराओं का अद्वितीय संगम देखने को मिलेगा। इस अवसर पर विभिन्न राज्यों के 350 से अधिक कलाकारों ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।
पर्यटन मंत्री मुलुभाई बेरा ने न्यूज़ एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, “सापुतारा मानसून फेस्टिवल हर वर्ष आयोजित होता है और यह गुजरात की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को दुनिया के समक्ष लाता है। इस बार 13 राज्यों के कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे, जो पर्यटकों को भारत की विविधता का अनुभव कराएगी। यह 21 दिनों का भव्य आयोजन है, जो देश-विदेश से पर्यटकों को आकर्षित करता है।”
गुजरात पर्यटन विभाग के सचिव डॉ. राजेंद्र कुमार ने कहा, “सापुतारा में मानसून का नजारा अद्वितीय है। चारों ओर बादल, हरियाली और पहाड़ों का सौंदर्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करता है। इस फेस्टिवल में आदिवासी संस्कृति, स्थानीय भोजन और परंपराओं की झलक देखने को मिलती है। ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ थीम के तहत इस बार ग्रैंड फोक कार्निवल परेड का आयोजन किया गया है, जो भारत की सांस्कृतिक एकता को दर्शाता है।”
उन्होंने कहा कि इस फेस्टिवल में स्थानीय जनजातियों द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प की प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और परेड जैसे आयोजन शामिल हैं।
सापुतारा, जिसे ‘गुजरात का चेरापूंजी’ कहा जाता है, मानसून के दौरान अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यह गुजरात का एकमात्र हिल स्टेशन है, जो डांग जिले के पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है। मानसून में यहाँ की हरियाली, झरने, और बादलों से ढके पहाड़ पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
सांसद धवल पटेल ने कहा, “सापुतारा मानसून फेस्टिवल न केवल पर्यटन को बढ़ावा देता है, बल्कि स्थानीय आदिवासी समुदाय की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करता है। पिछले वर्ष 2024 में, मानसून सीजन में 5-6 लाख पर्यटक सापुतारा आए, और पूरे गुजरात में 18 करोड़ पर्यटकों ने दौरा किया। कोविड के बाद से पर्यटकों की संख्या में तेजी आई है। सरकार पर्यटकों की सुविधा के लिए आवास, बुनियादी ढांचे और वहन क्षमता को बढ़ाने पर काम कर रही है।
सापुतारा में बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं। पंजाब से आए कलाकार गुरपिंदर सिंह ने कहा, “यहाँ का माहौल बहुत अच्छा है। पंजाब में गर्मी से परेशान थे, लेकिन सापुतारा का ठंडा मौसम और हरियाली कश्मीर जैसा लगता है। सनराइज और सनसेट पॉइंट, झरने और किला देखने लायक हैं। यह फेस्टिवल भारत की सांस्कृतिक विविधता को खूबसूरती से दर्शाता है।”
असम से आईं कलाकार दीपिका रॉय ने बताया, “सापुतारा का मानसून और मौसम बहुत सुहावना है। यहाँ आकर अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेना अच्छा लग रहा है।”
एक अन्य पर्यटक जाह्नवी ने कहा, “मैं मानसून फेस्टिवल का आनंद लेने आई हूँ। गुजरात की संस्कृति और प्रकृति का यह संगम अद्भुत है।”
एक और पर्यटक ने सापुतारा को शानदार अनुभव बताया, जो यहाँ की हरियाली और मानसून को खूबसूरती से दर्शाता है।
फेस्टिवल के उद्घाटन के दिन ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ थीम पर आधारित एक भव्य लोक कार्निवल परेड का आयोजन हुआ, जिसमें गुजरात के डोल्लू कुनिथा, धनगारी, भांगड़ा, घूमर, मयूर, छाऊ, और बिहू जैसे नृत्यों के साथ अन्य राज्यों की सांस्कृतिक झलकियां प्रस्तुत की गईं। यह परेड सापुतारा के विभिन्न हिस्सों से गुजरी, जिसमें स्थानीय लोग और पर्यटक शामिल हुए।
इसके अलावा, फेस्टिवल में हर वीकेंड पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। एक विशेष रेन डांस का प्रावधान भी किया गया है, जिसमें पर्यटक रेनकोट पहनकर बारिश में नृत्य का आनंद ले सकते हैं। सापुतारा में सेल्फी पॉइंट, सजावट, और स्थानीय मेलों का आयोजन भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
गुजरात पर्यटन विभाग ने पर्यटकों की सुविधा के लिए कई व्यवस्थाएं की हैं, जैसे सेल्फी पॉइंट, सजावट, और स्थानीय व्यंजनों की उपलब्धता। फेस्टिवल में स्थानीय हस्तशिल्प, भोजन, और परंपराओं की प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है। पर्यटन विभाग ने देश-विदेश के पर्यटकों से इस उत्सव में शामिल होने की अपील की है।