क्या राहुल गांधी विदेशी आकाओं की तालियां बंटोरने के लिए भारत-विरोधी कैंपेन चला रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी पर भाजपा के द्वारा गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
- जर्मनी में दिए गए बयानों का राजनीतिक महत्व है।
- भारत की संस्थाओं का अपमान नहीं होना चाहिए।
- भाजपा की विकास नीतियां महत्वपूर्ण हैं।
- राजनीतिक संवाद में तथ्यों का होना आवश्यक है।
दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर सख्त आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी लगातार भारत-विरोधी कैंपेन चला रहे हैं, जिससे देश का लोकतंत्र बदनाम हो रहा है और विदेशी आकाओं की तालियां बंट रही हैं।
हाल ही में जर्मनी में एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने भारतीय लोकतंत्र और उसकी संवैधानिक संस्थाओं पर टिप्पणी की। इस पर तरुण चुघ ने कहा कि भारतीय संस्थाओं को बदनाम करना और भारतीय संस्कृति के खिलाफ बोलना राहुल गांधी की आदत बन चुकी है।
उन्होंने आगे कहा, "ऐसा लगता है कि राहुल गांधी ने विदेशी आकाओं के साथ मिलकर भारत, भारतीय संस्कृति और सम्मान के खिलाफ बोलने की सुपारी ले रखी है।"
तरुण चुघ ने चीन का जिक्र करते हुए कहा, "आप (राहुल गांधी) चीन की तारीफ कर रहे हैं, लेकिन चीन के साथ आपके रिश्ते के बारे में सब जानते हैं। देश जानता है कि किन एनजीओ को चीन से फंड मिल रहा है। राहुल गांधी, अपनी पार्टी और सरकार के रिकॉर्ड पर गौर कीजिए। यूपीए के दौरान विकास और निर्माण की नीतियां कमजोर थीं, जिससे निराशा का माहौल बना।"
भाजपा नेता ने कहा, "पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी ने 'मेक इन इंडिया', पीएलआई और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसी पहलों के जरिए इस गिरावट को पलटकर तरक्की की नई रफ्तार शुरू की है। कांग्रेस का फैलाया भ्रम और डर का विजन बिल्कुल काम नहीं आएगा।"
तरुण चुघ ने आगे कहा, "जिनका कार्यकाल देश के खजाने को लूटने के लिए काले अक्षरों में दर्ज है, उनकी सरकार के दौरान खुद कैग ने उन पर लूट का आरोप लगाया। 2जी स्कैम, कॉमनवेल्थ स्कैम, कोयला स्कैम और नेशनल हेराल्ड स्कैम के माध्यम से हजारों करोड़ रुपए हड़पने वाले आज चांद पर थूक रहे हैं। उनका बयान दुर्भाग्यपूर्ण है।"