क्या 2025 में आईटी नौकरियों की मांग 18 लाख तक पहुंच रही है, जीसीसी की क्या भूमिका है?
सारांश
Key Takeaways
- 2025 में आईटी नौकरियों की मांग 18 लाख तक पहुंचने की संभावना है।
- ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत हो गई है।
- मध्य-करियर पेशेवरों की मांग 65 प्रतिशत है।
- भर्ती प्रक्रिया में औसत समय 45-60 दिन हो गया है।
- विशेषज्ञताओं के लिए भर्ती में समय 75-90 दिन हो गया है।
नई दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में आईटी क्षेत्र में हायरिंग में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिसमें ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) और उभरती हुई तकनीकों के लिए प्रतिभाओं की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी जा रही है। यह जानकारी एक नई रिपोर्ट में दी गई है।
क्वेस कॉर्प द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में आईटी नौकरियों की कुल मांग 2025 में 18 लाख पर पहुंचने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
रिपोर्ट में एक नए ट्रेंड का खुलासा करते हुए कहा गया है कि 50 प्रतिशत से अधिक आईटी हायरिंग उभरती हुई डिजिटल क्षमताओं पर केंद्रित हैं, जबकि पारंपरिक तकनीकी कौशलों की हिस्सेदारी कुल मांग में 10 प्रतिशत से भी कम है और इसमें लगातार गिरावट आ रही है।
जीसीसी की भूमिका आईटी क्षेत्र में हायरिंग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण है, और अब आईटी हायरिंग बाजार में जीसीसी की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत हो गई है, जो कि पिछले वर्ष करीब 15 प्रतिशत थी।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रोडक्ट और एसएएएस फर्मों ने भी सावधानीपूर्वक भर्तियां बढ़ाई हैं, जबकि आईटी सेवाओं और कंसल्टिंग में मामूली वृद्धि देखी गई है। हालांकि, फंडिंग में कमी के कारण स्टार्टअप्स में भर्तियां घटकर एकल अंकों के निम्न स्तर पर आ गई हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, "कुल मिलाकर, हायरिंग की मांग उत्पादकता के लिए तैयार प्रतिभाओं की ओर दृढ़ता से झुकी हुई है, जिसमें मध्य-करियर पेशेवर (4-10 वर्ष का अनुभव) कुल भर्ती का 65 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं, जबकि 2024 में यह 50 प्रतिशत था।"
इसके अलावा, एंट्री-स्तर की हायरिंग की कुल मांग में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी है। हायरिंग पैटर्न यह दर्शाता है कि अनुभवी पेशेवरों की मांग पूरे क्षेत्र में सबसे अधिक है।
रिपोर्ट के मुताबिक, आईटी हायरिंग ज्यादातर टियर-1 शहरों पर केंद्रित है, और 2025 में कुल मांग में इनकी हिस्सेदारी 88-90 प्रतिशत है। इसके अतिरिक्त, भर्ती प्रक्रिया में लगने वाला औसत समय बढ़कर 45-60 दिन हो गया है।
विशेषज्ञताओं जैसे एआई/एमएल और साइबर सुरक्षा के लिए, भर्ती प्रक्रिया में लगने वाला समय बढ़कर 75-90 दिन हो गया है, जो कड़ी प्रतिस्पर्धा और अधिक कठोर मूल्यांकन प्रक्रियाओं को दर्शाता है।