क्या सर्बानंद सोनोवाल ने प्रधानमंत्री मोदी के सुझाव से असम में वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की?

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क्या सर्बानंद सोनोवाल ने प्रधानमंत्री मोदी के सुझाव से असम में वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के असम दौरे पर उनके द्वारा दिए गए सुझाव ने न केवल वृक्षारोपण अभियान को जन्म दिया, बल्कि इसे एक जन-आंदोलन में बदल दिया। जानिए इस सफर की कहानी और असम की नई पहचान के बारे में।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी के सुझावों से वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत हुई।
  • इस अभियान ने असम में सांस्कृतिक आदत का रूप धारण किया।
  • 10 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • यह एक जन-आंदोलन में बदल गया है।
  • असम की नई पहचान के लिए यह महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 सितंबर को असम के दौरे पर थे। केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस बात का उल्लेख किया कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी के सुझाव से असम में वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत हुई।

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर मोदी स्टोरी पेज का एक वीडियो साझा किया है। उन्होंने बताया कि 2016 में असम के मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले वर्ष को पूरा करने के बाद मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुवाहाटी में एक भव्य जनसभा में आमंत्रित किया। उस समय माहौल उत्साह से भरा था। हजारों लोग इकट्ठा हुए थे, ऊर्जा अद्भुत थी और मैं मंच पर उनके ठीक बगल में बैठा था।

उन्होंने कहा कि जब एक वक्ता भीड़ को संबोधित कर रहा था, तब पीएम मोदी का ध्यान कहीं और चला गया। उन्हें भीड़ के पीछे फूलों से लिपटा एक पेड़ दिखा। उन्होंने उस पेड़ की ओर इशारा करते हुए मुझसे धीरे से पूछा, "यह कौन सा पेड़ है?" मैंने उन्हें बताया कि यह कृष्ण चूड़ा है, जो अपने ज्वलंत फूलों के लिए जाना जाता है। उनकी जिज्ञासा जारी रही। वह जानना चाहते थे कि ऐसे पेड़ आमतौर पर कहां उगते हैं। मैंने बताया कि ये पूरे असम में पाए जा सकते हैं।

सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि यह वही क्षण था जब उनकी दूरदर्शिता जागृत हुई। उन्होंने कहा, "आप पूरे राज्य में कृष्ण चूड़ा के और पेड़ क्यों नहीं लगाते? कल्पना कीजिए कि असम पूरी तरह खिल रहा है, दुनिया भर से लोग इसकी सुंदरता देखने आएंगे। यह न सिर्फ आपकी पहचान को मजबूत करेगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।"

उन्होंने कहा कि ये शब्द एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुए। उनके प्रोत्साहन के चलते हमने 10 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा और एक महत्वाकांक्षी वृक्षारोपण अभियान शुरू किया। मेरे कार्यकाल में ही हमने 9.5 करोड़ पेड़ लगाए। यह प्रयास जल्द ही एक जन-आंदोलन में तब्दील हो गया। जन्मदिन, त्योहार और विशेष अवसर सभी पेड़ लगाने के अवसर बन गए। प्रधानमंत्री मोदी के सुझाव से शुरू हुआ यह कार्य पूरे असम में एक सांस्कृतिक आदत बन गया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेरे लिए यह मेरे जीवन के सबसे यादगार पलों में से एक था। इसने दिखाया कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पैनी नजर एक साधारण अवलोकन को एक दृष्टि में और एक दृष्टि को एक जन-आंदोलन में बदल सकती है, जिसने असम को एक नई पहचान दी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझावों का असर न केवल असम में, बल्कि पूरे देश में दिख रहा है। वृक्षारोपण जैसे अभियानों से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलता है और यह देश की पहचान को भी मजबूत करता है।
NationPress
15/09/2025

Frequently Asked Questions

असम में वृक्षारोपण अभियान कब शुरू हुआ?
वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत 2016 में हुई थी, जब प्रधानमंत्री मोदी ने सर्बानंद सोनोवाल को सुझाव दिया।
क्या इस अभियान का प्रभाव असम की पहचान पर पड़ा है?
हाँ, यह अभियान असम की पहचान को मजबूत करने के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा दे रहा है।
किस प्रकार के पेड़ लगाए जा रहे हैं?
प्रमुख रूप से कृष्ण चूड़ा जैसे पेड़ लगाए जा रहे हैं, जो अपनी सुंदरता के लिए जाने जाते हैं।