क्या सरकार किसानों को यूरिया का कम उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है?

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क्या सरकार किसानों को यूरिया का कम उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है?

सारांश

सरकार ने किसानों को यूरिया का कम उपयोग करने और वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग में बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है। इसमें जैविक खाद, बायो-फर्टिलाइज़र, और अन्य उर्वरकों को शामिल किया गया है। यह कृषि में पोषक तत्व प्रबंधन को बेहतर बनाने का एक प्रयास है।

Key Takeaways

  • सरकार ने वैकल्पिक उर्वरकों को अधिसूचित किया है।
  • जैविक खाद और बायो-फर्टिलाइज़र का उपयोग प्रोत्साहित किया जा रहा है।
  • किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जा रहे हैं।
  • परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत सहायता दी जा रही है।
  • कृषि में पोषक तत्व प्रबंधन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

नई दिल्ली, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। खेती के लिए संतुलित और उचित उर्वरकों का उपयोग बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने वैकल्पिक उर्वरकों जैसे ऑर्गेनिक फर्टिलाइज़र, बायो-फर्टिलाइज़र, डी-ऑइल केक, ऑर्गेनिक कार्बन वर्धक और नैनो-फर्टिलाइज़र को अधिसूचित किया है।

इसका मुख्य उद्देश्य देश में खेती में पोषक तत्व प्रबंधन को समर्थन देना है।

मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना 2014 में शुरू की गई थी, जिसका लक्ष्य मृदा स्वास्थ्य और उत्पादकता में सुधार करना है। इसका उद्देश्य जैविक खादों और जैव-उर्वरकों के साथ रासायनिक उर्वरकों का विवेकपूर्ण उपयोग करना है, जिससे एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन (आईएनएम) को बढ़ावा मिले।

केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि मृदा नमूनों को मानक प्रक्रियाओं के अनुसार संसाधित किया जाता है। इसके बाद विभिन्न मापदंडों जैसे पीएच, विद्युत चालकता (ईसी), जैविक कार्बन, उपलब्ध नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सल्फर, और सूक्ष्म पोषक तत्वों (जस्ता, तांबा, लोहा, मैंगनीज, बोरॉन) के लिए उनका विश्लेषण किया जाता है।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को उनकी मिट्टी की पोषक स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है और मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता में सुधार के लिए उचित पोषक तत्वों की खुराक के सुझाव देता है।

इस योजना के अंतर्गत, किसानों को 25.13 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए गए हैं। देशभर में लगभग 93,781 किसान प्रशिक्षण सत्र, 6.80 लाख प्रदर्शनियां, और मृदा स्वास्थ्य कार्ड अनुशंसाओं पर 7,425 किसान मेले/अभियान आयोजित किए गए हैं।

पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में परम्परागत कृषि विकास योजना और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट के माध्यम से जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाता है।

परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 3 वर्षों में प्रति हेक्टेयर 31,500 रुपए की सहायता दी जाती है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "इसमें से, जैविक खाद सहित कृषि/गैर-कृषि जैविक इनपुट के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से किसानों को 15,000 रुपए प्रति हेक्टेयर की सहायता प्रदान की जाती है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट के तहत, किसान उत्पादक संगठन के निर्माण, जैविक इनपुट के लिए किसानों को सहायता आदि के लिए 3 वर्षों में प्रति हेक्टेयर 46,500 रुपए की सहायता प्रदान की जाती है।"

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि योजना के तहत किसानों को ऑफ-फार्म/ ऑन-फार्म जैविक इनपुट के लिए 32,500 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता दी जाती है, जिसमें किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के रूप में 15,000 रुपए शामिल हैं।

Point of View

बल्कि देश की मृदा स्वास्थ्य और उत्पादकता में भी सुधार करेगा। यह समय की मांग है कि हम जैविक और वैकल्पिक उर्वरकों की ओर बढ़ें।
NationPress
06/08/2025

Frequently Asked Questions

सरकार ने किस उद्देश्य के लिए वैकल्पिक उर्वरकों को अधिसूचित किया?
सरकार ने वैकल्पिक उर्वरकों को अधिसूचित करने का मुख्य उद्देश्य खेती में संतुलित और उचित उर्वरकों के उपयोग को प्रोत्साहित करना है।
किसान स्वास्थ्य कार्ड का क्या महत्व है?
किसान स्वास्थ्य कार्ड किसानों को उनकी मिट्टी की पोषण स्थिति और उर्वरता में सुधार के लिए उचित सुझाव प्रदान करता है।
क्या सभी राज्यों में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है?
हाँ, सभी राज्यों में परम्परागत कृषि विकास योजना के माध्यम से जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।