क्या उत्तराखंड सरकार श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है?

सारांश
Key Takeaways
- सरकार श्रमिकों के हितों की रक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
- भारतीय मजदूर संघ ने 70 वर्षों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- मुख्यमंत्री ने श्रमिकों को अच्छी सुविधाएं प्रदान करने का आश्वासन दिया।
- चारधाम यात्रा में लाखों श्रद्धालु शामिल हुए हैं।
- मानसून की तैयारियों के लिए मॉक ड्रिल की गई है।
हरिद्वार, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज में युवा कार्यकर्ता सम्मेलन और भारतीय मजदूर संघ द्वारा आयोजित स्वर्णिम 70 वर्ष समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने कहा कि सरकार श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने भारतीय मजदूर संघ की 70 वर्षों की उपलब्धियों, संघर्षों और योगदान को सराहा और कहा कि यह संगठन श्रमिकों की आवाज को सशक्त बनाता आया है। समारोह में बड़ी संख्या में संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी, श्रमिक नेता और सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कुछ विशिष्ट कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री के आगमन की तैयारी में जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "भारतीय मजदूर संघ श्रमिकों और उद्योगों के विकास के लिए एक बेहतर समन्वय बनाने का कार्य कर रहा है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे श्रमिकों को उत्तम सुविधाएं प्रदान की जाएं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं जो उनके परिवार के कल्याण और उत्थान पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उत्तराखंड में भी हम इसी दिशा में प्रगति कर रहे हैं। उत्तराखंड को समृद्ध एवं देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने का हमारा संकल्प है, जिसमें श्रमिकों का योगदान महत्वपूर्ण है। भारतीय मजदूर संघ इस दिशा में लगातार कार्यरत है।"
उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि इस समय चारधाम यात्रा चल रही है। इस यात्रा में लगभग 33 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं, जबकि अन्य दर्शनीय स्थलों पर भी बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
मानसून के संबंध में उन्होंने कहा कि इसकी तैयारी के लिए मॉक ड्रिल हो चुकी है और जिलाधिकारियों एवं केंद्र की एजेंसियों के साथ लगातार दो-तीन बैठकें हो चुकी हैं। मानसून के दौरान राज्य को किसी न किसी आपदा का सामना करना पड़ता है। पिछले वर्ष अत्यधिक वर्षा और जलभराव के कारण बाढ़ की स्थिति का सामना करना पड़ा था।