क्या सावन के आखिरी सोमवार पर वाराणसी, उज्जैन और बैजनाथ ज्योतिर्लिंग में शिवभक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली?

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क्या सावन के आखिरी सोमवार पर वाराणसी, उज्जैन और बैजनाथ ज्योतिर्लिंग में शिवभक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली?

सारांश

सावन का आखिरी सोमवार भारतीय श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है। वाराणसी, उज्जैन और देवघर के ज्योतिर्लिंगों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। जानिए इस अवसर पर क्या खास हुआ!

Key Takeaways

  • सावन का आखिरी सोमवार विशेष धार्मिक महत्व रखता है।
  • वाराणसी, उज्जैन और देवघर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।
  • मंदिरों में विशेष व्यवस्थाएं की गई थीं।
  • जलाभिषेक के लिए भक्तों में उत्साह देखने को मिला।
  • सुरक्षा के लिए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए थे।

वाराणसी, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आज सावन का आखिरी सोमवार है। ऐसे में मंदिरों में शिव भक्तों की बड़ी संख्या देखने को मिल रही है। महादेव के ज्योतिर्लिंगों में शामिल वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम, उज्जैन के महाकालेश्वर और देवघर के बैजनाथ धाम में भक्तों का जश्न अलग ही देखने को मिल रहा है।

सावन महीने के अंतिम सोमवार की पावन बेला पर वाराणसी स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सुबह मंगला आरती के बाद मंदिर के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस दौरान भक्तों की लंबी कतारें मंदिर परिसर में नजर आईं। श्रद्धालु भोलेनाथ के जलाभिषेक के लिए सुबह से ही लाइन में लगे रहे। पूरे परिसर को रुद्राक्ष की मालाओं से सजाया गया। इस अवसर पर बाबा विश्वनाथ का भव्य श्रृंगार भी किया गया। मंदिर प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा भी की गई।

भक्तों की अधिक संख्या को देखते हुए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। दर्शन व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए विभिन्न स्थानों पर बैरिकेडिंग की गई है, जबकि सुरक्षा की दृष्टि से ड्रोन कैमरों से लगातार निगरानी की जा रही है। इस दौरान राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए भक्तों ने मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की प्रशंसा की।

वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल के दरबार में भी सावन के आखिरी सोमवार को श्रद्धालुओं की भारी तादाद देखी जा रही है। मंदिर के दरवाजे रात 2.30 बजे ही खोल दिए गए, जबकि सावन के अन्य दिनों में ये तीन बजे खुलते हैं। आम दिनों में ये दरवाजे सुबह चार बजे खोले जाते हैं। लंबी कतारों में लगे भक्त बम बोले, जय महाकाल के नारे लगाते नजर आए।

भस्मारती के दौरान कार्तिकेय मण्डपम् की अंतिम तीन पंक्तियों से श्रद्धालुओं की व्यवस्था की गई। इस दौरान हजारों भक्तों ने चलित भस्म आरती का लाभ उठाया। सुबह पांच बजे सामान्य दर्शन का क्रम शुरू हुआ, जो देर रात शयन आरती तक जारी रहेगा। शाम 4 बजे बाबा महाकाल की चौथी सवारी नगर भ्रमण पर निकलेगी। भगवान उमा महेश स्वरूप में भक्तों को नगर भ्रमण के दौरान दर्शन देंगे। इस मौके पर लोक नृत्य कलाकार और मध्यप्रदेश के चार पर्यटन की झांकियां आज विशेष रहेंगी।

अगर बात बिहार के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर की करें तो यहां भी आखिरी सोमवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर प्रांगण में अनेक श्रद्धालु जुटे। सावन के हर सोमवार का अपना अलग महत्व होता है, लेकिन शुक्ल पक्ष की दशमी उपरांत एकादशी तिथि के कारण आखिरी सोमवार का महत्व और भी बढ़ गया है। विशेष महत्व के कारण सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी। इस दौरान श्रद्धालुओं की 10 किलोमीटर से अधिक लंबी लाइन देखी गई। जिला प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। ऐसा अनुमान लगाया गया है कि आज के दिन सवा लाख श्रद्धालु यहां आ सकते हैं।

Point of View

देशभर के शिव भक्तों की एकजुटता और श्रद्धा को देखते हुए, यह स्पष्ट होता है कि भारतीय संस्कृति में आस्था का कितना गहरा महत्व है। प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाएं भी दर्शाती हैं कि धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता दी जा रही है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

सावन का आखिरी सोमवार क्यों महत्वपूर्ण है?
सावन का आखिरी सोमवार विशेष रूप से भक्ति और आस्था का दिन होता है। इस दिन शिव भक्त तीर्थ स्थलों पर जाकर पूजा-अर्चना करते हैं।
क्या वाराणसी में भक्तों की संख्या अधिक थी?
हाँ, वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा था।
उज्जैन में क्या खास था इस दिन?
उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के पट विशेष समय पर खोले गए और भक्तों ने भस्म आरती का लाभ उठाया।
बैजनाथ धाम में कितनी भीड़ थी?
बैजनाथ धाम में भक्तों की संख्या 10 किलोमीटर से अधिक लंबी लाइन में देखी गई।
क्या सुरक्षा उपाय किए गए थे?
सुरक्षा के लिए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए थे, जिसमें बैरिकेडिंग और ड्रोन कैमरों से निगरानी शामिल थी।