क्या वन विभाग सेवा पर्व को 'स्वच्छ उत्सव' के रूप में मनाएगा?

सारांश
Key Takeaways
- सेवा पर्व 17 सितंबर से शुरू होगा।
- स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया जाएगा।
- पौधरोपण कार्यक्रम जनपद स्तर पर होगा।
- सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा।
- सभी को इस पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।
लखनऊ, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलने वाले सेवा पर्व को वन विभाग 'स्वच्छ उत्सव' के रूप में मनाने जा रहा है। इस अवधि में स्वच्छता अभियान और सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा, साथ ही पक्षी अभयारण्यों में खर-पतवारों की सफाई के लिए भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण, वर्षा जल संचयन, और जल स्रोतों के संरक्षण जैसे मुद्दों पर जन जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष सुनील चौधरी ने इस संदर्भ में मुख्यालय और जनपद स्तर पर सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, अभियान के समन्वय के लिए शासन और विभाग स्तर पर नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं।
17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलने वाले सेवा पर्व के लिए शासन स्तर पर उप्र के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के सचिव सुशांत शर्मा को नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है।
वन विभाग ने विभागीय स्तर पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (परियोजना) रामकुमार को आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारी बनाया है।
सुनील चौधरी ने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती (25 सितंबर) पर प्रत्येक जनपद में पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। वन विभाग आम जन, संस्थाओं और शिक्षण संस्थानों को पौधों की उपलब्धता कराएगा। इस दिन एक घंटे का बहुत बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में सभी विभागों, जनप्रतिनिधियों, स्कूली बच्चों, एनजीओ, रोटरी-लायंस क्लब, ग्राम पंचायत सदस्यों, शिक्षकों, उद्योगपतियों, और मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य भी शामिल होंगे। इसके अलावा, वन विभाग की सहयोगी संस्थाएं जैसे बाघ मित्र, सारस मित्र, और वेटलैंड मित्र भी इस कार्यक्रम का हिस्सा होंगी।
पौधरोपण महाभियान-2025 के मिशन निदेशक दीपक कुमार ने बताया कि सेवा पर्व के दौरान प्रदेश में 15 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा। सेवा पर्व का शुभारंभ 17 सितंबर को होगा। इसमें सभी 34 नगर वन में कम से कम 100 पौधे रोपित किए जाएंगे। इसमें जनसहयोग, स्वयंसेवी संगठनों, स्कूलों, ईको क्लब, स्वयं सहायता समूहों, और सिविल सोसायटी का भी सहयोग रहेगा।
जिलाधिकारी, नगर विकास और अन्य विभागों के परामर्श से पौधरोपण के लिए स्थल का चयन किया जाएगा। नगरीय क्षेत्रों, नदी के कैचमेंट, और तालाबों के किनारे पौधरोपण अभियान को प्राथमिकता दी जाएगी।
इस आयोजन में महापौर, सांसद, विधायक सहित सभी जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति रहेगी। विभाग ने हर जनपद में नुक्कड़ नाटक, सांस्कृतिक कार्यक्रम और नवाचार पर जोर दिया है।