क्या शशि थरूर ने शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष उपलब्धि की सराहना की?

सारांश
Key Takeaways
- शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष मिशन भारत के लिए गर्व का विषय है।
- इस मिशन ने गगनयान के लिए अमूल्य डेटा प्रदान किया।
- अंतरिक्ष में भारतीय प्रणालियों का परीक्षण हुआ।
- यह मिशन वैश्विक अंतरिक्ष कूटनीति में भारत की भूमिका को मजबूत करता है।
- नई पीढ़ी को विज्ञान में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।
नई दिल्ली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) मिशन से शुभांशु शुक्ला के लौटने की ख़ुशी देशभर में मनाई जा रही है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर संसद में एक विशेष चर्चा का आयोजन किया जाएगा, जिसकी जानकारी केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने साझा की। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुभांशु के इस मिशन पर गर्व व्यक्त किया है।
किरेन रिजिजू ने अपने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "हमारे हीरो अंतरिक्ष यात्री कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के सफल मिशन के बाद स्वदेश लौट आए हैं। संसद इस ऐतिहासिक पड़ाव पर और भारत की बढ़ती अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं पर एक विशेष चर्चा के साथ उन्हें सम्मानित करेगी।"
रिजिजू की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए शशि थरूर ने कहा कि भले ही विपक्ष इस विशेष चर्चा में शामिल नहीं हो रहा है, लेकिन वह शुभांशु शुक्ला के मिशन पर गर्व व्यक्त करना चाहते हैं।
उन्होंने लिखा, "कमांडर शुभांशु शुक्ला के हालिया अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) मिशन पर सभी भारतीयों को कितना गर्व है। यह हमारे देश के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, गगनयान, के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। शुभांशु के मिशन ने ISRO को अमूल्य व्यावहारिक अनुभव और डेटा प्रदान किया है, जिसे सिमुलेशन में दोहराया नहीं जा सकता।"
थरूर ने कहा कि अंतरिक्ष मिशन के दौरान शुभांशु के प्रत्यक्ष अवलोकन गगनयान मिशन को जोखिम-मुक्त और परिष्कृत बनाने में महत्वपूर्ण होंगे।
उन्होंने आगे कहा, "इस मिशन ने वास्तविक अंतरिक्ष में भारतीय प्रणालियों और प्रोटोकॉल का परीक्षण संभव बनाया। अंतरिक्ष में मानव स्वास्थ्य और पौधों की वृद्धि पर अध्ययन सहित कई वैज्ञानिक प्रयोग, तकनीकी और वैज्ञानिक सत्यापन प्रदान करते हैं जो गगनयान के लिए जीवन-रक्षक और चिकित्सा प्रणालियों को डिजाइन करने में मदद करेंगे।"
उन्होंने कहा, "अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ साझेदारी में संचालित शुभांशु के मिशन ने वैश्विक अंतरिक्ष कूटनीति में भारत की भूमिका को और मजबूत किया। यह बहुपक्षीय अंतरिक्ष प्रयासों में शामिल होने की भारत की इच्छा और क्षमता को दर्शाता है और भविष्य में संयुक्त अनुसंधान और निवेश के द्वार खोलता है।"
शशि थरूर ने आगे लिखा, "कमांडर शुभांशु की ऐतिहासिक उड़ान मानव अंतरिक्ष उड़ान में भारत की महत्वाकांक्षाओं का एक सशक्त प्रतीक है। इसने देश की कल्पना को प्रभावित किया है और नई पीढ़ी को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित और अंतरिक्ष अध्ययन में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया है - ये सभी भारत के दीर्घकालिक अंतरिक्ष लक्ष्यों को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। शाबाश!"