क्या शिक्षित युवा समाज में परिवर्तन के अग्रदूत बन सकते हैं? राज्यपाल का संदेश

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क्या शिक्षित युवा समाज में परिवर्तन के अग्रदूत बन सकते हैं? राज्यपाल का संदेश

सारांश

लखनऊ में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शिक्षित युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि युवा अनुशासन और परिश्रम के साथ समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने नारी शक्ति और उसके योगदान को भी सराहा। यह समारोह सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के नौवें दीक्षांत समारोह के दौरान हुआ।

Key Takeaways

  • शिक्षित युवा समाज में परिवर्तन के अग्रदूत बन सकते हैं।
  • नारी शक्ति बल और विजय का प्रतीक है।
  • सिद्धार्थ विश्वविद्यालय ने गोल्ड रैंकिंग प्राप्त की।
  • महिला क्रिकेट टीम की उपलब्धियां प्रेरणादायक हैं।
  • समाज निर्माण में विश्वविद्यालयों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

लखनऊ, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा, “शिक्षित युवा समाज में परिवर्तन के अग्रदूत बन सकते हैं, और जब वे अनुशासन, परिश्रम और संस्कारों के साथ कार्य करते हैं, तो राष्ट्र को नई दिशा मिलती है।” वे सोमवार को सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर के नौवें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं।

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा क्यू.एस.आई.-गेज की गोल्ड रैंकिंग प्राप्त करने पर कुलपति, प्राध्यापकों, छात्र-छात्राओं और समस्त विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि विश्वविद्यालय की गुणवत्ता, नवाचार और उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता का परिचायक है।

समारोह के दौरान राज्यपाल ने सभी अंकपत्रों एवं उपाधियों को डिजिलॉकर में समाहित किया, जिससे विद्यार्थियों को उनकी शैक्षणिक उपाधियों की डिजिटल पहुंच सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि उन्हें बुद्ध की पावन भूमि सिद्धार्थनगर में आकर गर्व की अनुभूति हो रही है। यह वही धरती है, जहां से भगवान बुद्ध ने शांति, करुणा और मानवता का संदेश दिया था।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विशेष रूप से छात्राओं की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज की बेटियां केवल कंधे से कंधा मिलाकर नहीं, बल्कि अनेक अवसरों पर एक कदम आगे बढ़कर अपनी प्रतिभा का प्रकाश फैला रही हैं। नारी शक्ति केवल प्रेरणा नहीं, बल्कि बल, उत्साह और विजय का प्रतीक है।

उन्होंने महिला क्रिकेट टीम द्वारा 2025 का विश्व कप जीतने का उदाहरण देते हुए इसे 'नारी सशक्तिकरण की नई पहचान' बताया। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि समाज निर्माण का संस्थान बनना चाहिए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ाव, स्वच्छता, स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे बड़े सपने देखें और उन्हें कर्म में परिवर्तित करें। 21वीं सदी परिवर्तन की सदी है, और विकसित भारत का युवा स्वर्णिम युग में जी रहा है। भारत आज आत्मनिर्भर बनते हुए विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के लिए आईसीयू एम्बुलेंस का शुभारंभ किया, दीक्षांत पत्रिका व पुस्तकों का विमोचन किया, और विद्यालयों में आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए।

Point of View

यह स्पष्ट है कि शिक्षित युवा न केवल अपने भविष्य को संवारते हैं, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाते हैं। राज्यपाल का यह संदेश नारी शक्ति और युवा सशक्तिकरण का एक बड़ा उदाहरण है, जो हमें प्रेरित करता है कि हम अपने कर्तव्यों का पालन करें और समाज के लिए योगदान दें।
NationPress
10/11/2025

Frequently Asked Questions

राज्यपाल ने शिक्षित युवाओं के बारे में क्या कहा?
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षित युवा समाज में परिवर्तन के अग्रदूत बन सकते हैं।
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय की उपलब्धि क्या है?
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय ने क्यू.एस.आई.-गेज की गोल्ड रैंकिंग प्राप्त की है।
राज्यपाल ने नारी शक्ति के बारे में क्या कहा?
उन्होंने कहा कि नारी शक्ति केवल प्रेरणा नहीं, बल्कि बल, उत्साह और विजय का प्रतीक है।
राज्यपाल ने छात्रों को क्या संदेश दिया?
उन्होंने छात्रों से बड़े सपने देखने और उन्हें कर्म में बदलने का आग्रह किया।
राज्यपाल का अनुभव सिद्धार्थनगर में कैसा था?
राज्यपाल ने कहा कि उन्हें बुद्ध की पावन भूमि में आकर गर्व की अनुभूति हो रही है।