क्या सुप्रीम कोर्ट में आज शिवसेना के नाम और प्रतीक पर सुनवाई होगी?

सारांश
Key Takeaways
- उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है।
- उद्धव ने 'शिवसेना' नाम और प्रतीक के उपयोग की अनुमति मांगी है।
- शिंदे गुट को फरवरी 2023 में नाम और प्रतीक दिए गए थे।
- इस मामले का फैसला महाराष्ट्र की राजनीति पर गहरा असर डाल सकता है।
- सुनवाई पर पूरे महाराष्ट्र की नजर है।
मुंबई, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई निर्धारित है। उद्धव ने न्यायालय से निवेदन किया है कि उन्हें 'शिवसेना' नाम, 'धनुष-बाण' प्रतीक और बाघ वाले भगवा झंडे का प्रयोग करने की अनुमति दी जाए। इस मांग का उद्देश्य महाराष्ट्र में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों से संबंधित है।
उद्धव के वकील देवदत्त कामत ने 2 जुलाई 2025 को सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने मामले की तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था। उनका कहना है कि एकनाथ शिंदे गुट को इन चिन्हों के उपयोग से रोका जाना चाहिए, क्योंकि ये शिवसेना की पहचान हैं और जनता के लिए भावनात्मक महत्व रखते हैं।
कामत ने यह भी बताया कि ये प्रतीक 1985 से शिवसेना की पहचान बने हुए हैं, और मतदाता इन्हें बालासाहेब ठाकरे से जोड़ते हैं।
जून 2022 में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में बगावत करके कई विधायकों के साथ अलग गुट बनाया था। इसके बाद, फरवरी 2023 में चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को 'शिवसेना' नाम और 'धनुष-बाण' प्रतीक दिया।
उद्धव ठाकरे ने इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जो पिछले दो वर्षों से लंबित है। उद्धव गुट चाहता है कि कोर्ट स्थानीय चुनावों के लिए अस्थायी राहत प्रदान करे, ताकि उनका नुकसान न हो।
उन्होंने एनसीपी मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे अजित पवार गुट को चिन्ह दिया गया, वैसे ही उनके लिए भी व्यवस्था की जानी चाहिए।
शिंदे गुट के वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव पहले ही इस नाम और प्रतीक से संपन्न हो चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव की ऐसी ही मांग को ठुकरा दिया था।
दूसरी ओर, उद्धव गुट का आरोप है कि शिंदे ने असंवैधानिक तरीके से सत्ता प्राप्त की है। 10 जनवरी 2024 को महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने शिंदे गुट को 'असली शिवसेना' माना था। इसके खिलाफ उद्धव गुट के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसके बाद 22 जनवरी 2024 को शिंदे और उनके विधायकों को नोटिस जारी किया गया।
इस मामले की सुनवाई पर पूरे महाराष्ट्र की नजर है।