क्या दिल्ली में आवारा कुत्तों के हक में श्री मुक्तसर साहिब में निकाली गई रैली?

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क्या दिल्ली में आवारा कुत्तों के हक में श्री मुक्तसर साहिब में निकाली गई रैली?

सारांश

श्री मुक्तसर साहिब में आयोजित एक शांतिपूर्ण रैली ने आवारा कुत्तों के अधिकारों की रक्षा की मांग को उठाया। रैली में शामिल लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश का विरोध कर रहे थे। जानिए इस रैली में क्या हुआ और क्यों यह मामला महत्वपूर्ण है।

Key Takeaways

  • रैली में महिलाओं और बच्चों की भागीदारी महत्वपूर्ण थी।
  • आवारा कुत्तों के अधिकारों की मांग ने लोगों को एकजुट किया।
  • सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सवाल उठाए गए।
  • मानवता और करुणा का ध्यान रखना आवश्यक है।

श्री मुक्तसर साहिब, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में आवारा कुत्तों से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के खिलाफ एनिमल वेलफेयर सोसाइटी 13-13 ने सोमवार को श्री मुक्तसर साहिब में एक शांतिपूर्ण विरोध रैली का आयोजन किया। इस रैली में महिलाएं और बच्चे समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और आवारा कुत्तों के अधिकारों की रक्षा की मांग की।

यह रैली श्री मुक्तसर साहिब के रेड क्रॉस दफ्तर से शुरू होकर कोटकपूरा रोड तक पहुंची। इस दौरान प्रतिभागियों ने तख्तियां और बैनर उठाकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को 'अवैध और अनुचित' करार दिया।

सोसाइटी के सदस्यों ने कहा कि आवारा कुत्तों को नियंत्रित करने और उन्हें आश्रय स्थलों में रखने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश पूरी तरह से गलत है। मूक प्राणियों को भी स्वतंत्रता का अधिकार मिलना चाहिए और उनकी प्राकृतिक आजादी को छीनना अमानवीय होगा।

उन्होंने आगे कहा कि न तो सुप्रीम कोर्ट और न ही दिल्ली सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि आश्रय स्थलों में कुत्तों को कैसी सुविधाएं मिलेंगी और उनके साथ वहां कैसा व्यवहार होगा। उन्होंने चिंता जताई कि यदि उचित प्रावधान नहीं किए गए, तो कुत्तों के साथ दुर्व्यवहार की आशंका बनी रहेगी।

प्रदर्शन में शामिल लोगों ने मांग की कि इस फैसले पर फिर से गंभीरता से विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों की समस्या का समाधान मानवीय दृष्टिकोण से होना चाहिए, न कि उनकी स्वतंत्रता छीनकर।

बता दें कि 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर. महादेवन की बेंच ने आदेश दिया कि दिल्ली-एनसीआर में सभी आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजा जाए और उन्हें सड़कों पर वापस न छोड़ा जाए। कोर्ट ने नगर निगमों को वैक्सीनेशन और शेल्टर बनाने के भी निर्देश दिए।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा है कि दिल्ली-एनसीआर के हर इलाके से आवारा कुत्तों को उठाना शुरू किया जाए और उन्हें किसी अन्य सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया जाए। इस प्रक्रिया में किसी भी संगठन या व्यक्ति की ओर से बाधा डालने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि अगर कोई कुत्तों को जबरदस्ती पकड़ने में रुकावट डालता है, तो उसे कानूनी नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं।

Point of View

बल्कि यह हमारे समाज में मानवता और नैतिकता के मूल्यों के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी उजागर करता है। एक ऐसा दृष्टिकोण विकसित करना आवश्यक है जो न केवल कानून का पालन करे, बल्कि संवेदनशीलता और करुणा का भी ध्यान रखे।
NationPress
18/08/2025

Frequently Asked Questions

सुप्रीम कोर्ट का आदेश क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजने का आदेश दिया है।
रैली में शामिल लोगों ने क्या मांगा?
रैली में शामिल लोगों ने आवारा कुत्तों के अधिकारों की रक्षा की मांग की।
रैली का उद्देश्य क्या था?
रैली का उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के आदेश का विरोध करना और आवारा कुत्तों के प्रति सहानुभूति बढ़ाना था।