क्या श्री राम मंदिर शाश्वत आध्यात्मिक परंपरा का प्रतीक है?: एसपी सिंह बघेल
सारांश
Key Takeaways
- श्री राम मंदिर का निर्माण धार्मिक और आध्यात्मिक परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है।
- विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया को वैधानिक माना जा रहा है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में मंदिर के महत्व को बढ़ावा दिया गया है।
- भाजपा प्रवक्ता ने विपक्ष के आरोपों का खंडन किया है।
- मतदाता सूची को अद्यतन करने का उद्देश्य लोकतंत्र को मजबूत बनाना है।
नई दिल्ली, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अयोध्या में श्री राम मंदिर के संबंध में भक्ति और आध्यात्मिकता की भावना के बीच, देश में चुनावी प्रक्रिया पर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर जहां राम मंदिर से जुड़ी व्यवस्थाओं और परंपराओं पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) विषय पर बयानबाजी भी बढ़ी है।
सांसद एसपी सिंह बघेल ने कहा, "यह पूरी तरह एक पवित्र आध्यात्मिक और सनातन परंपरा है।" मंदिर के परिसर में विभिन्न निर्माण कार्य और धार्मिक प्रक्रियाएं निरंतर प्रगति पर हैं, जो भविष्य में श्रद्धालुओं के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होने वाली हैं।
तरुण चुघ ने कहा, "आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में वहां के संत श्री राम जन्मभूमि पर पवित्र झंडा फहराए। यह भारत के गौरव की कहानी है। प्रधानमंत्री खुद इसमें शामिल हुए। दूसरी ओर, ऐसी पार्टियां भी हैं जिन्होंने मंदिर निर्माण में बाधा डाली, यहां तक कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह का भी बहिष्कार किया।"
केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) पर कहा कि आठ विधानसभाओं में चल रही यह प्रक्रिया पूरी तरह वैधानिक है।
एसआईआर मुद्दे पर बोलते हुए मंत्री ने स्पष्ट किया, "चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और संविधान ने उसे जो अधिकार दिए हैं, वह उनका उपयोग कर रहा है। एसआईआर पहली बार नहीं हो रहा, यह समय-समय पर चलने वाली प्रक्रिया है।"
मंत्री ने आगे कहा कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को साफ, पारदर्शी और अद्यतन बनाना है ताकि लोकतंत्र की नींव और मजबूत हो सके।
रांची में एसआईआर को लेकर विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर भाजपा प्रवक्ता प्रतुल साहदेव ने कहा, "बीएलओ अच्छा काम कर रहे हैं, इसी वजह से प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। मौतों को एसआईआर से जोड़ना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर कोई बीएलओ डिप्रेशन में आत्महत्या कर ले, तो उसे एसआईआर से कैसे जोड़ा जाए?"
साहदेव ने आरोप लगाया, "विपक्ष के पास अब कोई वास्तविक मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए यह सब नाटक कर रहा है।"