क्या श्री वरसिद्धि विनायक स्वामी मंदिर में भगवान सत्य के रक्षक के रूप में विराजमान हैं?

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क्या श्री वरसिद्धि विनायक स्वामी मंदिर में भगवान सत्य के रक्षक के रूप में विराजमान हैं?

सारांश

आंध्र प्रदेश का श्री वरसिद्धि विनायक स्वामी मंदिर, जहां हर साल भगवान गणेश की प्रतिमा का आकार बढ़ता है। भक्तों का मानना है कि यहाँ स्नान करने से सभी रोग समाप्त हो जाते हैं। जानिए इस मंदिर के चमत्कारों और पौराणिक कथाओं के बारे में।

Key Takeaways

  • श्री वरसिद्धि विनायक स्वामी मंदिर आंध्र प्रदेश में एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।
  • यहाँ की प्रतिमा का आकार हर साल बढ़ता है।
  • स्नान करने से सभी प्रकार के रोगों का नाश होता है।
  • यह मंदिर १,००० वर्ष से अधिक पुराना है।
  • स्थानीय लोग इसे सत्य के देवता के रूप में मानते हैं।

नई दिल्ली, १३ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के प्रत्येक क्षेत्र में प्रथम पूज्य भगवान गणेश के मंदिर पाए जाते हैं, जो अपने अद्भुत चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध हैं।

आंध्र प्रदेश में स्थित श्री वरसिद्धि विनायक स्वामी मंदिर में हर साल प्रतिमा का आकार बढ़ता है। भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में स्नान करने से गंभीर से गंभीर रोग भी समाप्त हो जाते हैं।

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के निकट कनिपकम गांव में, भक्त दूर-दूर से भगवान गणेश के प्राचीन मंदिर का दर्शन करने आते हैं। यहाँ की प्रतिमा पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण है।

कहा जाता है कि गर्भगृह में स्थित भगवान गणेश की प्रतिमा हर साल बढ़ती है और जब कलयुग समाप्त होगा, तब यह पूर्ण आकार में प्रकट होगी और भगवान स्वयं प्रकट होंगे।

इस मंदिर में भगवान की मूर्ति स्वयं प्रकट हुई थी और यह तालाब से निकली थी। कहा जाता है कि जिस तालाब से भगवान गणेश प्रकट हुए थे, वह अमृत है और उसके जल के सेवन से सभी रोग दूर हो जाते हैं। यह मंदिर १,००० वर्षों से भी अधिक पुराना है, जिसे ११वीं शताब्दी के आरंभ में चोल राजा कुलोथुंगा चोल प्रथम ने बनवाया था।

मंदिर से जुड़ी एक प्राचीन कथा के अनुसार, हजारों वर्ष पहले एक अंधा, एक बहरा और एक गूंगा भाई थे, जो पानी के लिए कुआं खोद रहे थे। अचानक उनका औजार पत्थर की प्रतिमा से टकरा गया, जिससे खून बहने लगा। कुएं का पानी उस खून से लाल हो गया। इस चमत्कार से भाइयों के रोग दूर हुए। स्थानीय लोगों ने इस घटना को देखकर मिलकर प्रतिमा को कुएं के पास स्थापित किया।

स्थानीय लोगों में यह मंदिर बहुत पवित्र माना जाता है, और विवादों का समाधान भी इस मंदिर की पवित्रता की शपथ लेकर किया जाता है। कहा जाता है कि जो भी वरसिद्धि विनायक की झूठी शपथ लेता है, उसके साथ बड़ी अनहोनी होती है। स्थानीय लोग वरसिद्धि विनायक को सत्य के देवता के रूप में पूजते हैं।

Point of View

बल्कि यह स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का भी प्रतीक है। भक्तों की बढ़ती संख्या और मंदिर के प्रति श्रद्धा इस स्थान की महत्ता को दर्शाती है। यह मंदिर भारत के धार्मिक धरोहर में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
NationPress
13/11/2025

Frequently Asked Questions

श्री वरसिद्धि विनायक स्वामी मंदिर कहाँ स्थित है?
यह मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के कनिपकम गांव में स्थित है।
क्या यहाँ स्नान करने से रोग ठीक होते हैं?
भक्तों का मानना है कि यहाँ स्नान करने से बड़े से बड़ा रोग भी समाप्त हो जाता है।
मंदिर का इतिहास क्या है?
यह मंदिर १,००० वर्षों से अधिक पुराना है और इसका निर्माण ११वीं शताब्दी में चोल राजा कुलोथुंगा चोल प्रथम ने कराया था।
क्या भगवान गणेश की प्रतिमा हर साल बढ़ती है?
हाँ, माना जाता है कि गर्भगृह में भगवान गणेश की प्रतिमा का आकार हर साल बढ़ता है।
स्थानीय लोग वरसिद्धि विनायक को किस रूप में पूजते हैं?
स्थानीय लोग वरसिद्धि विनायक को सत्य के देवता के रूप में पूजते हैं।