क्या सिक्किम विश्वविद्यालय में नेपाली को विदेशी भाषा कहने पर आक्रोश हुआ?

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क्या सिक्किम विश्वविद्यालय में नेपाली को विदेशी भाषा कहने पर आक्रोश हुआ?

सारांश

सिक्किम विश्वविद्यालय में एक छात्र की विवादास्पद टिप्पणी ने परिसर में तीव्र आक्रोश पैदा कर दिया है। इस घटना ने सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित किया है, और छात्र संघ ने सख्त कार्रवाई की मांग की है। जानिए इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की प्रतिक्रिया।

Key Takeaways

  • साम्प्रदायिक सद्भाव की आवश्यकता है।
  • शिक्षा में सहिष्णुता महत्वपूर्ण है।
  • आपत्तिजनक टिप्पणियों का विरोध होना चाहिए।
  • छात्र संघ की मांगें गंभीर हैं।
  • संविधान के अनुसार नेपाली भाषा का महत्व।

गंगटोक, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सिक्किम विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के एक व्हाट्सएप ग्रुप में छात्र शेखर सरकार द्वारा नेपाली भाषी समुदाय के प्रति की गई विवादास्पद टिप्पणियों ने विस्तृत आक्रोश को जन्म दिया है। इन टिप्पणियों को अपमानजनक और भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला मानते हुए, छात्रों और संकाय सदस्यों ने कड़ी निंदा की। सिक्किम विश्वविद्यालय छात्र संघ ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए, दोषी छात्र के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

14 अगस्त को, सिक्किम विश्वविद्यालय के छात्र राज शेखर सरकार ने नेपाली समुदाय और भाषा के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की और इसे 'विदेशी भाषा' कहा। उसने यह भी कहा कि जो लोग इसका उपयोग करना चाहते हैं, उन्हें नेपाल चले जाना चाहिए।

उत्तर प्रदेश के बनारस के निवासी शेखर ने यह टिप्पणी एसयू वाणिज्य विभाग के आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में की। इस घटना ने छात्रों और संकाय सदस्यों में व्यापक आक्रोश फैला दिया है। आरोपी छात्र ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाने पर भी सवाल उठाया और सुझाव दिया कि कक्षाएं सामान्य रूप से जारी रहनी चाहिए। छात्रों और संकाय सदस्यों के एक समूह ने इन टिप्पणियों को तुरंत अपमानजनक और नेपाली भाषी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया।

घटना के बाद, विभाग के वरिष्ठ विद्वानों ने गंगटोक के निकट रानीपुल पुलिस स्टेशन में एक सामान्य डायरी (जीडी) दर्ज कराई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए, सरकार को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 196(1) समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, धारा 353(1)(सी) समुदायों के बीच अपराध भड़काने वाले झूठे बयान, और धारा 353(2) झूठ के माध्यम से दुश्मनी को बढ़ावा देने के तहत हिरासत में ले लिया।

इस घटना पर सिक्किम विश्वविद्यालय छात्र संघ (एसयूएसए) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसने सरकार की टिप्पणियों की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया है।

एसयूएसए के अध्यक्ष अनूप रेग्मी ने कहा, "इस तरह की टिप्पणी न केवल नेपाली समुदाय पर हमला है, बल्कि विश्वविद्यालय के भीतर सांप्रदायिक सद्भाव के लिए भी खतरा है। हमारी मांग बिल्कुल स्पष्ट है कि छात्र को विश्वविद्यालय से स्थायी रूप से बर्खास्त किया जाना चाहिए। उसने राज्य, देश और यहाँ तक कि दुनिया भर के नेपाली भाषी लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। शैक्षणिक जगत में इस तरह के विभाजनकारी विचारों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।"

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कथित तौर पर जारी किया गया माफीनामा मीडिया में मामला बढ़ने और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ही आया, और इसे 'निष्ठाहीन और दबाव में किया गया' बताया। रेग्मी के अनुसार, अगर छात्र को अपनी गलती का एहसास होता, तो उसे कई दिन इंतजार करने के बजाय तुरंत माफी मांग लेनी चाहिए थी।

एसयूएसए की पूर्व कार्यकारी अधिकारी किरण शर्मा ने भी इस टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा, "इसने न केवल नेपाली भाषी समुदाय को निशाना बनाया, बल्कि विश्वविद्यालय के समावेशी माहौल को भी बिगाड़ा।" उन्होंने जोर देकर कहा कि नेपाली भारत के संविधान के तहत एक अनुसूचित भाषा है और राष्ट्रीय मुद्रा पर भी अंकित है, जिससे यह टिप्पणी बेहद आपत्तिजनक है।

शर्मा ने कहा, "रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद, विश्वविद्यालय उचित कार्रवाई पर निर्णय लेगा। एक संस्था के रूप में, हम ऐसी टिप्पणियों से बहुत चिंतित हैं। हमारे विश्वविद्यालय में ऐसी टिप्पणियों का प्रचलन नहीं होना चाहिए। हम सभी समुदायों के प्रति सद्भाव और सम्मान के लिए प्रतिबद्ध हैं और ऐसे मुद्दों पर छात्रों को जागरूक करने के लिए भी काम करेंगे।"

Point of View

बल्कि हमारे समाज में सहिष्णुता और सामंजस्य की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है। विश्वविद्यालयों में विचारों की स्वतंत्रता आवश्यक है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि हम एक-दूसरे के प्रति सम्मान और सहानुभूति बनाए रखें।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

इस विवाद का मुख्य कारण क्या था?
छात्र शेखर सरकार द्वारा नेपाली भाषी समुदाय को 'विदेशी भाषा' कहने वाली टिप्पणी ने विवाद को जन्म दिया।
क्या छात्र के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है?
हां, छात्र के खिलाफ पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की है।
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