क्या 2025 राजनीतिक उथल-पुथल का साल रहा? वक्फ से लेकर वंदे मातरम तक उठे सवाल

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क्या 2025 राजनीतिक उथल-पुथल का साल रहा? वक्फ से लेकर वंदे मातरम तक उठे सवाल

सारांश

वर्ष 2025 में भारतीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटीं, जिनमें वक्फ अधिनियम से लेकर वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ तक कई विवादों का सामना करना पड़ा। आइए, जानते हैं इस साल के राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बारे में।

Key Takeaways

  • वक्फ अधिनियम पर विवाद ने मुस्लिम समुदाय में असंतोष पैदा किया।
  • 2025 में चुनावों की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठे।
  • ऑपरेशन सिंदूर ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव बढ़ाया।
  • मणिपुर में जातीय हिंसा ने सरकार की नाकामी को उजागर किया।
  • लालू प्रसाद यादव के परिवारिक विवाद ने बिहार की राजनीति में हलचल पैदा की।

नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष 2025 अपने अंत की ओर बढ़ रहा है। यह समय देश के राजनीतिक परिदृश्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहा है। सरकार और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर तीखी बहस हुई। राजनीतिक तनाव के कई बड़े मुद्दे सामने आए, जिनमें अंतरराष्ट्रीय तनाव, चुनावी मुद्दे, कानूनी सुधार और सामाजिक मामले शामिल थे। आइए, हम इन घटनाओं पर एक नज़र डालते हैं।

भारतीय राजनीति में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को लेकर बड़ा विवाद उत्पन्न हुआ। यह कानून मुस्लिम धार्मिक संपत्तियों के प्रबंधन में बदलाव लाने के लिए लाया गया था, लेकिन इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर अतिक्रमण के रूप में देखा गया। विपक्ष और मुस्लिम संगठनों ने इसे असंवैधानिक बताया, जबकि सरकार ने इसे पारदर्शिता का कदम कहा। यह विवाद संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक फैल गया।

2025 में चुनावों की निष्पक्षता पर भी बड़ा विवाद छिड़ा। विपक्ष ने सरकार पर 'वोट चोरी' का आरोप लगाया। एनडीए नेताओं ने भी इसका उत्तर दिया। 'वोट चोरी' के आरोप ने देशभर में व्यापक बहस को जन्म दिया। अगस्त में राहुल गांधी ने 2024 लोकसभा चुनाव में धांधली का आरोप लगाया। कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया। 'वोट चोरी से आजादी' अभियान चलाया गया और मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग की बात हुई। भाजपा ने इसे हार का बहाना बताया। यह विवाद पूरे वर्ष चर्चा में रहा और चुनावी संस्थाओं की निष्पक्षता पर सवाल उठाए।

मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर भी इस साल बड़ा विवाद हुआ। चुनाव आयोग ने बिहार से एसआईआर शुरू कर 12 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में अभियान चलाया। विपक्ष, खासकर कांग्रेस और राहुल गांधी ने इसे 'वोट चोरी' करार दिया, आरोप लगाया कि इससे अल्पसंख्यक और विपक्षी वोटरों को निशाना बनाया जा रहा है। दूसरी तरफ, सरकार ने इसे मतदाता सूची की शुद्धता के लिए आवश्यक कदम बताया।

इस वर्ष 'ऑपरेशन सिंदूर' भी प्रमुखता में रहा। अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 25 से अधिक पर्यटक मारे गए थे। भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाया। इसके जवाब में मई में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया, जिसमें पाकिस्तानी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए गए। यह साल का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय विवाद बना, जिसने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मई 2025 में भारत-पाकिस्तान संघर्ष में सीजफायर करवाने का दावा किया, जिसके खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार को घेरा। कांग्रेस और अन्य दलों ने आरोप लगाया कि सरकार ने ट्रंप के झूठे दावे का खंडन नहीं किया। ट्रंप ने बार-बार दावा किया कि उन्होंने मोदी के फोन पर युद्ध रोका, लेकिन भारत ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार किया।

ट्रंप के भारत को 'डेड इकोनॉमी' (मृत अर्थव्यवस्था) कहने वाले बयान ने भी राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया। अगस्त 2025 में ट्रंप ने भारत के ऊंचे आयात शुल्कों की आलोचना करते हुए कहा कि भारत अमेरिका के साथ 'बहुत कम कारोबार' करता है। राहुल गांधी ने भी इस बयान का समर्थन किया और सरकार की कड़ी आलोचना की।

जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की सितंबर 2025 में एनएसए के तहत गिरफ्तारी ने भी बड़ा विवाद खड़ा किया। लद्दाख में पूर्ण राज्य दर्जे की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के दौरान हिंसा हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। सरकार ने वांगचुक पर उकसाने का आरोप लगाया, जबकि विपक्ष ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया।

मणिपुर में जातीय हिंसा 2023 से जारी रही, जिसमें 200 से अधिक मौतें हुईं। सरकार पर हिंसा रोकने में नाकामी का आरोप लगा। वहीं, सीएए के तहत नागरिकता देने और रोहिंग्या शरणार्थियों पर सख्ती से अल्पसंख्यक अधिकारों का विवाद भी बढ़ा।

बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव का पारिवारिक विवाद भी सुर्खियों में रहा। मई में लालू ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। तेज प्रताप ने अलग पार्टी बनाई और चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। परिवार में दरारें भी उजागर हुईं।

साल के अंत में राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' की 150वीं वर्षगांठ पर संसद में चर्चा राजनीतिक विवाद का केंद्र बन गई। सरकार ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि नेहरू ने मुस्लिम लीग की मांग पर गीत के छंद हटाकर इसे 'खंडित' किया। विपक्ष ने इन आरोपों का उत्तर दिया कि यह तुष्टिकरण की राजनीति है।

Point of View

यह कहना सही होगा कि भारत में 2025 का राजनीतिक परिदृश्य कई मोड़ और विवादों से भरा रहा। सत्ता और विपक्ष के बीच के संघर्षों ने देश की राजनीति को प्रभावित किया है। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हम इस उथल-पुथल में सच्चाई को बनाए रखें और एक मजबूत लोकतंत्र की दिशा में आगे बढ़ें।
NationPress
26/12/2025

Frequently Asked Questions

2025 में भारतीय राजनीति में कौन से प्रमुख विवाद हुए?
2025 में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, चुनावों की निष्पक्षता, और मणिपुर में जातीय हिंसा जैसे कई प्रमुख विवाद हुए।
ऑपरेशन सिंदूर क्या था?
ऑपरेशन सिंदूर का संचालन भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ किया, जिसमें पाकिस्तानी ठिकानों पर मिसाइल हमले शामिल थे।
वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर संसद में क्या चर्चा हुई?
वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चाओं में आरोप-प्रत्यारोप हुए, जिसमें सत्तापक्ष ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया।
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