क्या 2025 में दुनिया भर में इन बीमारियों ने खौफ पैदा किया?
सारांश
Key Takeaways
- साइलेंट हार्ट अटैक युवा लोगों के बीच तेजी से बढ़ रहा है।
- सुपर फ्लू और जिद्दी खांसी का प्रकोप गंभीर है।
- बढ़ता प्रदूषण सांस संबंधित समस्याओं का कारण बन रहा है।
- डेंगू का प्रकोप जलवायु परिवर्तन से प्रभावित हो रहा है।
- फैटी लिवर की समस्या हर वर्ग में देखी जा रही है।
नई दिल्ली, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। 2025 का वर्ष अब समाप्ति की ओर है। इस वर्ष कई बीमारियों ने पूरी दुनिया को डर के साये में लाकर खड़ा कर दिया। ये समस्याएँ केवल इस वर्ष के लिए ही नहीं, बल्कि आने वाले वर्षों के लिए भी चेतावनी का संकेत हैं। इस वर्ष दुनिया ने कई बीमारियों का सामना किया। आइए जानते हैं कि वे कौन सी बीमारियाँ हैं, जिन्होंने लोगों को खौफ में जीने के लिए मजबूर कर दिया।
इस वर्ष युवाओं में साइलेंट हार्ट अटैक के कई मामले देखने को मिले। 25 से 40 वर्ष के फिट लोगों में साइलेंट हार्ट अटैक से मौत के कई मामले सामने आए। यह सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं था, कुछ छोटे बच्चे भी इस समस्या के शिकार हुए। चिंता की बात यह है कि ये मामले उन लोगों में देखने को मिले जो पूरी तरह से स्वस्थ और फिट थे। जो अक्सर जिम जाते थे, उनमें भी इस स्थिति का सामना करना पड़ा। जिम करते हुए, नृत्य करते हुए, चलते हुए, और दफ्तर में काम करते हुए लोग साइलेंट हार्ट अटैक के शिकार हुए। यह एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है।
सुपर फ्लू और जिद्दी खांसी भी इस वर्ष एक बड़ी बीमारी के रूप में उभरी। एक बार अगर किसी को खांसी होती है, तो यह महीनों तक खत्म नहीं होती। 2025 में इन्फ्लूएंजा नामक वेरिएंट देखा गया, जिसमें बुखार कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन खांसी कई हफ्तों तक बनी रहती है। चिकित्सकों ने इसे लॉन्ग-लास्टिंग कफ का नाम दिया।
सांस लेने में समस्या भी तेजी से बढ़ रही है। बढ़ते प्रदूषण और जहरीली गैसों के कारण लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है। यह केवल एक देश में नहीं, बल्कि कई देशों में देखने को मिल रहा है। इसका प्रमुख कारण हवा में फैली जहरीली गैस है।
जलवायु परिवर्तन के बीच डेंगू का प्रकोप भी भारी पड़ रहा है। सामान्यतः बरसात के मौसम में डेंगू के मामले बढ़ते थे, लेकिन इस वर्ष जलवायु परिवर्तन के कारण डेंगू का प्रकोप नवंबर से दिसंबर तक देखा गया।
इस वर्ष फैटी लिवर के मामलों में भी तेजी आई है। पहले कहा जाता था कि जो लोग शराब पीते हैं, उनका ही लिवर खराब होता है, लेकिन अब यह समस्या हर वर्ग के लोगों में देखी जा रही है। इसका मुख्य कारण हमारा खानपान है।