क्या सोनू सूद असल में हीरो हैं?

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क्या सोनू सूद असल में हीरो हैं?

सारांश

क्या सोनू सूद असल में एक हीरो हैं? उनकी कहानी में नकारात्मक किरदार से लेकर मानवता की सेवा तक का सफर है। जानिए कैसे उन्होंने कोरोना काल में लाखों लोगों की मदद की।

Key Takeaways

  • सोनू सूद का जन्म 1973 में हुआ।
  • उन्होंने कई भाषाओं में फ़िल्में की हैं।
  • कोरोना काल में उन्होंने मानवता की सेवा की।
  • उनकी फ़िल्म 'फतेह' हाल ही में रिलीज हुई है।
  • वे असल जिंदगी में एक प्रेरक हीरो हैं।

मुंबई, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड के सुपरस्टार सोनू सूद सच में रियल लाइफ में किसी हीरो से कम नहीं हैं। कोरोना के दौरान देशव्यापी तालाबंदी के समय उनके अद्वितीय कार्यों ने दुनिया भर में चर्चा का विषय बना।

सोनू सूद का जन्म पंजाब के मोगा जिले में 30 जुलाई, 1973 को हुआ था। उन्होंने हिंदी, तेलुगु, और तमिल में कई फ़िल्में की हैं, जिनमें से अधिकांश में उन्हें नकारात्मक किरदार में देखा गया। 2009 में तेलुगु ब्लॉकबस्टर 'अरुंधति' के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ खलनायक का आंध्र प्रदेश का नंदी पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला।

2010 में बॉलीवुड की फ़िल्म 'दबंग' में नकारात्मक भूमिका के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का अप्सरा पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ नकारात्मक भूमिका के लिए आईफा अवॉर्ड मिला। 2012 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ नकारात्मक भूमिका के लिए दक्षिण का एसआईआईएमए अवॉर्ड भी मिला।

सूद की अन्य सफल फ़िल्मों में युवा, अथाडु, आशिक बनाया आपने, अशोक, जोधा अकबर, कांदिरेगा, डूकुडू, शूटआउट एट वडाला, आर... राजकुमार, हैप्पी न्यू ईयर, देवी और कुंग फू योगा शामिल हैं। जुलाई 2016 में, उन्होंने प्रोडक्शन हाउस 'शक्ति सागर प्रोडक्शन' की स्थापना की, जिसे उन्होंने अपने पिता शक्ति सागर सूद के नाम पर रखा।

अपने नकारात्मक किरदारों के लिए ढेर सारे पुरस्कार जीतने वाले सूद असल जिंदगी में एक हीरो की तरह हैं। कोरोना के समय उनके परोपकारी कार्यों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। सितंबर 2020 में, उन्हें कोविड-19संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा 'एडीजी स्पेशल ह्यूमैनिटेरियन एक्शन अवॉर्ड' से नवाजा गया।

कोविड-19 के समय, सूद ने हजारों भारतीय प्रवासी कामगारों और छात्रों को घर पहुँचाने के लिए बसों, विशेष ट्रेनों और चार्टर्ड उड़ानों की व्यवस्था की। जुलाई 2020 में उन्होंने किर्गिस्तान में फंसे 1,500 से अधिक भारतीय छात्रों को वापस भेजने के लिए विशेष चार्टर्ड उड़ान की व्यवस्था की।

25 जुलाई 2020 को, किसान की दो बेटियों का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे खेत जोतते हुए दिखीं। सूद ने उस परिवार को तुरंत एक ट्रैक्टर भेजा। 5 अगस्त 2020 को, उन्होंने 101 मेडिकल छात्रों को सहायता प्रदान की। मास्को में फंसे छात्रों को सुरक्षित चेन्नई पहुँचाने के लिए चार्टर्ड उड़ान की व्यवस्था की।

19 फरवरी 2021 को, सूद ने जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए 'इलाज इंडिया' पहल की शुरुआत की।

2021 में, उन्होंने कोविड-19 रोगियों के लिए आवश्यक ऑक्सीजन प्लांट और सिलेंडर उपलब्ध कराए।

सोनू सूद की हालिया फिल्म 'फतेह' 22 जून को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इस फ़िल्म के साथ उन्होंने पहली बार निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा है। फिल्म में वह पूर्व स्पेशल ऑप्स ऑफिसर के किरदार में हैं।

Point of View

NationPress
30/07/2025

Frequently Asked Questions

सोनू सूद का जन्म कब हुआ?
सोनू सूद का जन्म 30 जुलाई, 1973 को पंजाब के मोगा जिले में हुआ।
सोनू सूद ने कौन-सी फ़िल्मों में काम किया है?
सोनू सूद ने हिंदी, तेलुगु और तमिल में कई फ़िल्में की हैं, जिनमें 'दबंग' और 'अरुंधति' प्रमुख हैं।
सोनू सूद को किन पुरस्कारों से नवाजा गया है?
सोनू सूद को कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें सर्वश्रेष्ठ नकारात्मक भूमिका के लिए आईफा अवॉर्ड शामिल है।
कोरोना काल में सोनू सूद ने क्या योगदान दिया?
सोनू सूद ने हजारों प्रवासी कामगारों और छात्रों को घर पहुँचाने में मदद की।
सोनू सूद की हालिया फ़िल्म कौन-सी है?
सोनू सूद की हालिया फ़िल्म 'फतेह' है, जिसमें उन्होंने निर्देशन भी किया है।