क्या पूनम ढिल्लों ने सुलक्षणा पंडित के अंतिम संस्कार में अपनी भावनाएं साझा की?
सारांश
Key Takeaways
- सुलक्षणा पंडित का निधन भारतीय फिल्म उद्योग में शोक का कारण बना।
- पूनम ढिल्लों ने उनके संघर्षों को याद किया।
- सुलक्षणा की कला और संगीत ने लाखों दिलों को छुआ।
- उनकी ज़िंदगी एक प्रेरणा है, जो हमें संघर्ष और सफलता की कहानी सुनाती है।
मुंबई, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। एक्ट्रेस और गायक सुलक्षणा पंडित के निधन के बाद हर कोई गमगीन है। शुक्रवार को उनके अंतिम संस्कार में बॉलीवुड की कई प्रसिद्ध शख्सियतों ने शिरकत की। अभिनेत्री पूनम ढिल्लों ने अंतिम संस्कार में पहुंचकर सुलक्षणा को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
पूनम ढिल्लों और फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने सुलक्षणा पंडित के अंतिम संस्कार में भाग लिया। राष्ट्र प्रेस से बातचीत में पूनम ने कहा, "उन्होंने अपनी ज़िंदगी में बहुत कुछ सहा। उनकी फिल्में और गाने प्रशंसा प्राप्त करते थे। मुझे लगता है कि वे बहुत कुछ डिजर्व करती थीं। उनके भाई और बहन विजेता ने उनकी बहुत सेवा की। मैं हमेशा उनसे कहती थी कि विजेता जैसी बहन हर किसी को मिले, बस अब भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।"
सुलक्षणा पंडित 70 के दशक की एक अद्वितीय कलाकार थीं। लेकिन, एकतरफा प्यार ने उनकी जिंदगी को प्रभावित किया। सुलक्षणा ने अपने करियर की शुरुआत 1975 में फिल्म 'उलझन' से की थी। इस फिल्म में संजीव कुमार लीड रोल में थे। सेट पर दोनों के बीच बातचीत होने लगी और सुलक्षणा ने मन ही मन संजीव को पसंद करना शुरू कर दिया। उस समय संजीव, हेमा मालिनी से प्यार करते थे और हेमा, धर्मेंद्र से प्रेम करती थीं।
हेमा मालिनी ने संजीव कुमार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। इसके बाद संजीव पूरी तरह टूट चुके थे। उस समय सुलक्षणा ने उन्हें संभाला, और दोनों अच्छे दोस्त बन गए।
एक दिन सुलक्षणा ने संजीव को अपना दिल का हाल बता दिया। कहा जाता है कि संजीव ने सुलक्षणा का प्रपोजल ठुकरा दिया, जिससे वह अत्यंत दुखी हो गईं।
उन्होंने शूटिंग पर जाना बंद कर दिया और खुद को घर में बंद कर लिया। किसे पता था कि जिस दिन संजीव कुमार ने इस दुनिया को अलविदा कहा, उसी दिन सुलक्षणा को भी हमेशा के लिए सो जाना था।
6 नवंबर 1985 को संजीव कुमार का निधन हुआ था, और पिछले गुरुवार उनकी पुण्यतिथि पर सुलक्षणा ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया।