क्या सुप्रीम कोर्ट ने प्रेसिडेंशियल रेफरेंस पर 'स्वदेशी व्याख्या' को अपनाया? : सीजेआई गवई
सारांश
Key Takeaways
- सीजेआई गवई का रिटायरमेंट 23 नवंबर को है।
- सुप्रीम कोर्ट ने स्वदेशी व्याख्या को अपनाया।
- जस्टिस सूर्यकांत नए चीफ जस्टिस बनेंगे।
- भारत की न्यायिक परंपरा को महत्वपूर्ण मान्यता।
- जजमेंट में कोई विदेशी उदाहरण नहीं।
नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के मुख्य न्यायधीस (सीजेआई) बीआर गवई, जो 23 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं, ने शुक्रवार को प्रेसिडेंशियल रेफरेंस पर सुप्रीम कोर्ट की हालिया राय में अपनाई गई 'स्वदेशी व्याख्या' पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि शीर्ष अदालत ने विदेशी कानूनों की तुलना में भारतीय फैसलों और भारतीय न्याय परंपरा को प्राथमिकता दी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अब फैसलों में ‘भारतीयता की नई हवा’ बहने लगी है। इस पर मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा: कल के फैसले में हमने कोई भी विदेशी उदाहरण का उपयोग नहीं किया, बल्कि पूरी तरह से स्वदेशी व्याख्या पर निर्भर रहे।
एसजी मेहता ने बताया कि 5-जजों की कॉन्स्टिट्यूशन बेंच ने अमेरिकी और ब्रिटिश सिस्टम को भारत के संवैधानिक ढांचे से बहुत ध्यान से अलग किया है।
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि आपने कहा कि हमारा अपना ज्यूरिस्प्रूडेंस है और जजमेंट ने केवल 110 पेज में सब कुछ स्पष्ट कर दिया। यह एक नई बात है। जजमेंट एक जजमेंट होना चाहिए, न कि लॉ रिव्यू के लिए कोई लेख।
यह बातचीत सुप्रीम कोर्ट के कोर्टरूम नंबर 1 में सेरेमोनियल बेंच प्रोसिडिंग्स के दौरान हुई, जो सीजेआई गवई के रिटायरमेंट से पहले का अंतिम कार्यदिवस था।
जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को भारत के 53वें चीफ जस्टिस के रूप में चार्ज लेंगे। उन्होंने जस्टिस गवई की 'एक उच्च स्तर' स्थापित करने के लिए सराहना की और 'कानून के राज के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता' की प्रशंसा की।
जस्टिस गवई ने पहले सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज को भारत का चीफ जस्टिस (सीजेआई) नियुक्त करने की पुरानी परंपरा के अनुसार, जस्टिस कांत को अपना उत्तराधिकारी अनुशंसा की थी।
कोर्ट में हल्के-फुल्के माहौल में खचाखच भरा हुआ था। जब एक वकील ने सीजेआई गवई के सम्मान में उन पर फूल बरसाने की कोशिश की, तो कोर्टरूम में हंसी की लहर दौड़ गई। जैसे ही उन्होंने एक पैकेट खोला और पंखुड़ियां बिखेरने की तैयारी की, सीजेआई ने तुरंत दखल दिया, 'नहीं, नहीं, मत फेंको… इसे किसी को दे दो।'