क्या सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट को 'अभिभावक' बनने की सलाह दी?

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क्या सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट को 'अभिभावक' बनने की सलाह दी?

सारांश

सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट को अपने अधीनस्थ न्यायिक अधिकारियों के प्रति संवेदनशील रहने की सलाह दी है। यह कदम एक महिला एडीजे के तबादले से जुड़े मामले में उठाया गया। जानें, क्या है पूरा मामला और इसके पीछे का महत्व।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक अधिकारियों के लिए संवेदनशीलता की आवश्यकता को उजागर किया।
  • महिला एडीजे का तबादला उनके व्यक्तिगत जीवन पर प्रभाव
  • हाईकोर्ट को अभिभावक की भूमिका निभाने की सलाह दी गई है।

रांची/नई दिल्ली, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट ने हजारीबाग जिला अदालत में नियुक्त महिला एडीजे (एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज) के तबादले से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट को उन्हें राहत देने का निर्देश दिया है।

चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, ''हाईकोर्ट को अपने न्यायिक अधिकारियों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए और उनके व्यक्तिगत एवं पारिवारिक परिस्थितियों का ध्यान रखना चाहिए। हाईकोर्ट अपने अधीनस्थ न्यायिक अधिकारियों के लिए अभिभावक होता है।''

याचिकाकर्ता एडीजे, जो अपने बेटे की सिंगल पैरेंट हैं और अनुसूचित जाति से संबंध रखती हैं, ने हाईकोर्ट में छह माह की चाइल्ड केयर लीव की मांग की थी, लेकिन उन्हें केवल तीन माह की छुट्टी मिली। इसके बाद उनका तबादला दुमका कर दिया गया।

महिला एडीजे ने हाईकोर्ट को दिए गए अभ्यावेदन में अनुरोध किया था कि उन्हें या तो हजारीबाग में ही पदस्थापित रहने दिया जाए या फिर रांची अथवा बोकारो भेजा जाए, ताकि उनके बेटे की पढ़ाई प्रभावित न हो। इस मामले पर विचार न किए जाने पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट को निर्देश दिया, ''याचिकाकर्ता महिला एडीजे का या तो बोकारो तबादला किया जाए या फिर उनके बच्चे के बोर्ड की परीक्षा की समाप्ति तक मार्च-अप्रैल 2026 तक हजारीबाग में ही बने रहने दिया जाए।''

शीर्ष अदालत ने झारखंड हाईकोर्ट को दो सप्ताह के भीतर आदेश का पालन करने के लिए कहा है। उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता महिला एडीजे को चाइल्ड केयर लीव आंशिक रूप से स्वीकृत किए जाने पर भी सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया था और इस मामले में झारखंड सरकार और हाईकोर्ट रजिस्ट्री से जवाब मांगा था।

Point of View

ताकि उनका व्यक्तिगत जीवन प्रभावित न हो। यह न्यायिक प्रणाली की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट को क्या सलाह दी?
सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट को अपने न्यायिक अधिकारियों के प्रति संवेदनशीलता बरतने और उनकी व्यक्तिगत समस्याओं का ध्यान रखने की सलाह दी है।
महिला एडीजे का तबादला क्यों किया गया था?
महिला एडीजे का तबादला उनके चाइल्ड केयर लीव के बाद किया गया था, जब उन्हें हजारीबाग में पदस्थ रहने की अनुमति नहीं मिली।