क्या सीएम ममता बनर्जी ने लाखों युवाओं के सपनों को तोड़ा? : अमित मालवीय

सारांश
Key Takeaways
- सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया को अमान्य घोषित किया।
- ममता बनर्जी की सरकार पर गंभीर आरोप।
- लाखों युवाओं के सपनों को प्रभावित किया गया।
- भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और अनियमितताएं पाई गईं।
- आयोग और अधिकारियों के खिलाफ कठोर टिप्पणियां।
नई दिल्ली, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले के संदर्भ में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भाजपा नेता अमित मालवीय ने तीखा हमला किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट के माध्यम से ममता बनर्जी की सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
अमित मालवीय ने अपने पोस्ट में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में दायर पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है, जो ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर एक गंभीर आरोप साबित होता है, जिसने लाखों युवाओं के सपनों को चूर-चूर कर दिया है।
उन्होंने आगे लिखा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि स्कूल सेवा आयोग मूल ओएमआर शीट (या उनकी प्रतिरूप प्रतियां) को भी अपने पास रखने में असफल रहा, जिससे वास्तविक सत्यापन असंभव हो गया। अधिकारियों द्वारा की गई खामियों और अवैधताओं के कारण पूरी चयन प्रक्रिया खतरे में पड़ गई है।
न्यायालय ने माना कि यह प्रक्रिया अत्यंत दूषित थी और इसे अमान्य घोषित किए जाने की आवश्यकता है ताकि भर्ती की पवित्रता को बनाए रखा जा सके। हालांकि बेदाग उम्मीदवारों के हितों की रक्षा के प्रयास किए गए, लेकिन न्यायालय ने स्पष्ट किया कि प्रक्रिया की शुद्धता सबसे महत्वपूर्ण है। हजारों युवाओं के करियर को बर्बाद करने के लिए आयोग और अधिकारियों के खिलाफ की गई टिप्पणियां 'पूर्णतः उचित और न्यायोचित' थीं।
उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि यह निर्णय दर्शाता है कि किस प्रकार ममता बनर्जी की भ्रष्ट व्यवस्था ने बंगाल के महत्वाकांक्षी शिक्षकों के साथ विश्वासघात किया और उनके भविष्य को नष्ट किया।