क्या सुप्रीम कोर्ट ने टेट्रा पैक में शराब की बिक्री को लेकर गंभीर चिंता जताई है?
सारांश
Key Takeaways
- सुप्रीम कोर्ट ने टेट्रा पैक में शराब की बिक्री पर चिंता जताई।
- बच्चों को आसानी से शराब मिल सकती है।
- सरकार का ध्यान केवल राजस्व पर है।
- कानूनी विवाद में दो कंपनियों के बीच टकराव है।
- मामला जस्टिस एल. नागेश्वर राव को मध्यस्थता के लिए भेजा गया।
नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को टेट्रा पैक में शराब की बिक्री के संबंध में गहरी चिंता व्यक्त की है। न्यायालय ने कहा कि टेट्रा पैक में शराब का होना स्कूली बच्चों के लिए इसे आसानी से प्राप्त करने का रास्ता खोलता है, और इसकी पैकिंग देखने में शराब जैसी नहीं लगती, जिससे माता-पिता को इसकी जानकारी नहीं होती।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची ने कहा कि ये टेट्रा पैक बिल्कुल जूस जैसे लगते हैं। इन पर कोई चेतावनी भी नहीं होती। बच्चे इन्हें स्कूल ले जाते हैं। सरकार इस पर कैसे अनुमति दे सकती है?
कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता केवल राजस्व कमाने की है। वह लोगों के स्वास्थ्य की तुलना में राजस्व को अधिक महत्व दे रही है। यह टिप्पणी तब आई जब सुनवाई के दौरान कोर्ट को व्हिस्की के टेट्रा पैक दिखाए गए।
वास्तव में, यह मामला दो शराब कंपनियों के बीच कानूनी विवाद के चलते सुप्रीम कोर्ट में आया। जॉन डिस्टिलरीज ने मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने ऑलाइड ब्लेंडर्स एंड डिस्टिलर्स (ऑफिसर्स चॉइस के निर्माता) के पक्ष में फैसला दिया था और जॉन डिस्टिलरीज को 'ऑरीजनल चॉइस' ट्रेडमार्क हटाने का आदेश दिया था।
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील रोहतगी ने दोनों कंपनियों की बोतलें और टेट्रा पैक कोर्ट में पेश किए। जैसे ही उन्होंने टेट्रा पैक दिखाया, जज चौंक गए और कहा कि इससे बच्चों को शराब आसानी से मिल सकती है।
वकील रोहतगी ने बताया कि सबसे ज्यादा शराब की बिक्री इन्हीं पैक में होती है, क्योंकि ये सबसे सस्ते होते हैं।
हालांकि, कोर्ट ने सभी पक्षों की सहमति से ट्रेडमार्क विवाद को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एल. नागेश्वर राव के पास मध्यस्थता के लिए भेज दिया। बेंच ने कहा कि जस्टिस राव तुरंत इस मामले पर कार्य शुरू करें और जल्द से जल्द समझौता करवाने का प्रयास करें।