क्या सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव को जमीन के बदले नौकरी घोटाले में झटका दिया?

सारांश
Key Takeaways
- सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव की याचिका पर सुनवाई से इनकार किया।
- जमीन के बदले नौकरी घोटाला विवादित मुद्दा है।
- दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई की तिथि निर्धारित की है।
- भगवान सिंह कुशवाहा ने बयान दिया कि गरीबों का हक छीना गया है।
- इस मामले का राजनीतिक असर विधानसभा चुनाव पर पड़ सकता है।
नई दिल्ली, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट से एक और बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी उस याचिका पर सुनवाई करने से साफ इनकार कर दिया है, जिसमें उन्होंने ज़मीन के बदले नौकरी घोटाले में दर्ज सीबीआई की एफआईआर को निरस्त करने की मांग की थी।
लालू यादव ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें हाई कोर्ट ने उनकी याचिका पर त्वरित सुनवाई करने से मना कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अब स्पष्ट किया है कि वह हाई कोर्ट के निर्णय में हस्तक्षेप नहीं करेगा।
लालू प्रसाद यादव की ओर से यह तर्क दिया गया था कि दिल्ली की निचली अदालत में 26 जुलाई से 2 अगस्त के बीच उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए सुनवाई चल रही है। इस स्थिति में, उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट को 12 अगस्त से पहले उनकी याचिका पर सुनवाई करनी चाहिए थी, लेकिन हाई कोर्ट ने उनकी इस मांग को अस्वीकार कर दिया।
लालू यादव की याचिका में उल्लेख किया गया कि सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर में कोई ठोस आधार नहीं है और इसे रद्द किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक उनकी याचिका पर निर्णय नहीं हो जाता, तब तक निचली अदालत में आरोप तय करने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जानी चाहिए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हाई कोर्ट पहले ही तारीख दे चुका है और इसमें दखल देने का कोई औचित्य नहीं है। अब इस मामले की अगली सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट में 12 अगस्त को होगी।
जदयू के एमएलसी भगवान सिंह कुशवाहा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "सुप्रीम कोर्ट से झटका लगना तो निश्चित था। इन लोगों ने गरीबों का हक छीना है। गरीबों की जमीन लेकर नौकरियां दी हैं। ऐसी स्थिति में इसका पाप तो भुगतना ही पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट का यह झटका तो महज एक छोटा सा झटका है। इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी बिहार की जनता इनकी पार्टी को बड़ा झटका देने वाली है। सभी जानते हैं कि नौकरी के नाम पर जमीनें ली गई हैं।"
ज्ञात हो कि ज़मीन के बदले नौकरी घोटाला उस समय का है जब लालू यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्रालय में नौकरी के बदले कुछ लोगों से सस्ते दामों पर जमीन लिखवाई थी। इस मामले में सीबीआई ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती, और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है।