क्या सूर्यगढ़ा विधानसभा में इस बार बदलेंगे समीकरण? 2010 में भाजपा की थी आखिरी जीत

सारांश
Key Takeaways
- सूर्यगढ़ा विधानसभा का राजनीतिक इतिहास
- कांग्रेस और वाम दलों का दबदबा
- भाजपा की अंतिम जीत 2010 में हुई थी
- धार्मिक महत्व का स्थान श्रृंगी ऋषि धाम
- इस बार चुनावी समीकरण में बदलाव संभव है
पटना, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सूर्यगढ़ा विधानसभा सीट, बिहार के लखीसराय जिले में स्थित है और यह मुंगेर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। यह विधानसभा क्षेत्र तीन प्रखंडों पिपरिया, सूर्यगढ़ा और चानन से मिलकर बना हुआ है। भौगोलिक दृष्टि से सूर्यगढ़ा लखीसराय जिला मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है।
1990 तक सूर्यगढ़ा विधानसभा सीट पर कांग्रेस और वाम दलों का दबदबा रहा है। कांग्रेस और सीपीआई दोनों ने इस क्षेत्र में 4-4 बार जीत दर्ज की है। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में यहां राजद के प्रहलाद यादव ने कांग्रेस के रामानंद मंडल को हराकर चुनाव जीता था। प्रहलाद यादव इस क्षेत्र के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने सूर्यगढ़ा से कुल 5 बार विधायक का कार्यकाल पूरा किया है।
जेडीयू इस सीट पर कभी भी जीत दर्ज नहीं कर सकी है। हालांकि, 2005 और 2010 में प्रेम रंजन पटेल ने भाजपा को इस क्षेत्र में जीत दिलाई थी, जिससे यहां पार्टी की पकड़ बनी।
सूर्यगढ़ा क्षेत्र का इतिहास कहता है कि यह स्थान 1534 में शेरशाह सूरी और हुमायूं के बीच हुए ऐतिहासिक युद्ध का स्थल था। इस युद्ध में शेरशाह सूरी ने हुमायूं को हराकर दिल्ली सल्तनत का शासक बनने में सफलता प्राप्त की थी। इसे ‘सूरजगढ़ा का युद्ध’ के नाम से जाना जाता है।
इतिहास के साथ-साथ इस क्षेत्र का धार्मिक महत्व भी कम नहीं है। माना जाता है कि भगवान बुद्ध ने पास की एक पहाड़ी पर तीन साल तक तपस्या की थी, जिससे बौद्ध धर्म का भी यहां प्रभाव रहा है।
सूर्यगढ़ा के प्रमुख धार्मिक स्थलों में श्रृंगी ऋषि धाम का विशेष स्थान है। यह धाम न सिर्फ धार्मिक बल्कि पौराणिक महत्व भी रखता है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, यहां मन्नत मांगने से पुत्र प्राप्ति होती है। यह स्थान प्रभु श्रीराम से भी जुड़ा हुआ माना जाता है। कहा जाता है कि श्रृंगी ऋषि ने इसी स्थान पर तपस्या की थी। इसके अलावा, सूर्यगढ़ा में कई छोटे-छोटे मंदिर और दर्शनीय स्थल भी हैं, जो स्थानीय लोगों के लिए श्रद्धा और आस्था का केंद्र हैं।
शैर्य संप्रदाय के लिए सूर्यगढ़ा एक महत्वपूर्ण स्थान भी था और वहां भगवान शिव का एक सुंदर शिव मंदिर है। बड़ी संख्या में लोग धार्मिक श्रद्धा के साथ इकट्ठे होते हैं।