क्या चीन में दुनिया की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा प्रणाली स्थापित हो चुकी है?

सारांश
Key Takeaways
- चीन की अक्षय ऊर्जा प्रणाली का निर्माण विश्व स्तर पर सबसे बड़ा है।
- 14वीं पंचवर्षीय योजना के तहत तेजी से अक्षय ऊर्जा की क्षमता बढ़ रही है।
- चीन का लक्ष्य 2035 तक अक्षय ऊर्जा उत्पादन को छह गुना बढ़ाना है।
- चीन ने वैश्विक जलवायु परिवर्तन के खिलाफ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
- अक्षय ऊर्जा का विकास अन्य देशों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है।
बीजिंग, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि औद्योगिक और ऊर्जा संरचनाओं के समायोजन को बढ़ावा देने से अक्षय ऊर्जा का विकास संभव होगा। 14वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान चीन में अक्षय ऊर्जा की स्थापित क्षमता में तीव्र वृद्धि हो रही है। चीन में दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से विकसित हो रही अक्षय ऊर्जा प्रणाली का निर्माण किया गया है, जिसने चीन में ऊर्जा की सुरक्षित आपूर्ति और हरित तथा निम्न-कार्बन परिवर्तन का समर्थन किया है।
14वीं पंचवर्षीय योजना की रूपरेखा में अक्षय ऊर्जा के विकास की दिशा को स्पष्ट किया गया है। चीन में पवन ऊर्जा और फोटोवोल्टिक विद्युत उत्पादन के पैमाने में महत्वपूर्ण वृद्धि की जाएगी। जलविद्युत ठिकानों के निर्माण में तेजी लाई जाएगी। इसके साथ ही, बहु-ऊर्जा संपूरकता वाले स्वच्छ ऊर्जा आधारों का निर्माण किया जाएगा। कुल ऊर्जा खपत में गैर-जीवाश्म ऊर्जा का अनुपात लगभग 20 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा, और यह लक्ष्य निर्धारित समय से पहले ही पूरा कर लिया गया है।
14वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान, ऊर्जा कानून और अक्षय ऊर्जा के विकास के लिए 340 से अधिक कानून, नियम, नीति और दस्तावेज जारी किए गए हैं। इस योजना में पहली बार निर्धारित नौ स्वच्छ ऊर्जा ठिकानों का निर्माण पूरी तरह से शुरू हो चुका है। पिछले पांच वर्षों में चीन में 19 नई यूएचवी परियोजनाओं का निर्माण आरंभ हुआ है, जिनका आधे से अधिक बिजली का हिस्सा स्वच्छ ऊर्जा है।
चीन द्वारा निर्यातित पवन ऊर्जा और फोटोवोल्टिक उत्पाद अब दुनिया के 200 से अधिक देशों और क्षेत्रों को कवर कर रहे हैं, जिससे अन्य देशों के लिए कुल लगभग 4 अरब 10 करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है, जो कि दुनिया के वार्षिक कार्बन उत्सर्जन का लगभग दसवां हिस्सा है। यह चीन का जलवायु परिवर्तन से निपटने में योगदान है।
भविष्य में, चीन बड़े पैमाने पर पवन ऊर्जा और फोटोवोल्टिक ठिकानों के दूसरे और तीसरे बैच का निर्माण तेज करेगा। वर्ष 2035 तक, पवन और सौर ऊर्जा उत्पादन की कुल स्थापित क्षमता वर्ष 2020 की तुलना में छह गुना से अधिक हो जाएगी।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)