क्या पीएम मोदी ने आरएसएस की तारीफ में जो कहा, वह उनका अनुभव था?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी ने आरएसएस की प्रशंसा की।
- सुवेंदु अधिकारी ने अनुभव साझा किया।
- आरएसएस ने संकट में रक्तदान किया।
- ममता बनर्जी की राजनीति पर सवाल उठाए गए।
- प्रशंसा का अर्थ व्यक्तिगत अनुभव है।
कोलकाता, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की प्रशंसा का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जो कुछ भी प्रधानमंत्री ने कहा है, वह निश्चित रूप से उनका अपना अनुभव है।
अधिकारी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब उनके क्षेत्र में कई लोग घायल हुए थे, तब आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने 700 यूनिट रक्तदान किया था। ऐसे में, उन्हें लगता है कि मोदी ने लाल किले से जो कुछ कहा है, वह बिल्कुल सही है। यह उनकी व्यक्तिगत अनुभव को दर्शाता है।
जब विवेक अग्निहोत्री द्वारा 'बंगाल फाइल्स' लाए जाने पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि यह सब पश्चिम बंगाल में लंबे समय से हो रहा है। इसमें कुछ नया नहीं है। आज के समय में इसे किसी से छुपाना संभव नहीं है। सभी लोग इसे अपने मोबाइल में देख सकते हैं। ममता बनर्जी द्वारा तुष्टिकरण की राजनीति भी जल्द ही उजागर होगी।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से आरएसएस की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संगठन पिछले 100 वर्षों से राष्ट्र की सेवा में लगा हुआ है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ कहा गया है, और देश इस संगठन की समर्पित यात्रा पर गर्व करता है।